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दूसरे दिन भी माइक्रोसॉफ्ट आउटेज का असर दिखा एयरपोर्ट पर फेस रीडिंग सिस्टम डिजीयात्रा प्रभावित

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सिविल एविएशन मंत्रालय ने किया दावा, फ्लाइटस् ऑपरेशन हो गया दुरुस्त, बस कुछ बैकलॉग बाकी

नई दिल्ली 20 जुलाई। शुक्रवार को देश-दुनिया में माइक्रोसॉफ्ट में क्राउडस्ट्राइक अपडेट के चलते कंप्यूटर सिस्टम प्रभावित हो गया था। हालांकि शनिवार को बिजनेस और सर्विसेज ठीक होने लगी। इसी बीच भारत में सिविल एविएशन मंत्रालयन ने दावा किया कि तड़के तीन बजे से सभी एयरपोर्ट पर एयरलाइंस सिस्टम सामान्य तरीके से काम करने लगे थे। फ्लाइट ऑपरेशन फिर से पटरी पर आ गया।
भारत में मंत्रालय भी सक्रिय : सिविल एविएशन मंत्रालय ने कहा कि कल की रुकावटों के कारण कुछ बैकलॉग हैं, जो धीरे-धीरे दूर हो रहे हैं। हम अपने एयरपोर्ट ऑपरेशन की लगातार निगरानी कर रहे हैं। एयरलाइन्स के साथ मिलकर यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि ट्रैवल-रिक्वायरमेंट और रिफंड का ध्यान रखा जाए। धैर्य के लिए यात्रियों का धन्यवाद करते हैं। हालांकि दिल्ली और चेन्नई के इंटरनेशनल एयरपोर्ट सहित अन्य एयरपोर्ट्स से फ्लाइट प्रभावित होने की खबर आ रही हैं।
दूसरी तरफ, मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक एयरपोर्ट्स पर फेशियल रिकग्निशन सिस्टम डिजीयात्रा काम नहीं कर रहा है। अमेरिकी एंटी-वायरस कंपनी क्राउडस्ट्राइक के सीईओ जॉर्ज कर्ट्ज ने परेशानी के लिए माफी मांगी है। उन्होंने कहा कि कंपनी ने प्रॉब्लम सॉल्व कर दी है, लेकिन सभी सिस्टम सामान्य रूप से चलने में कुछ समय लग सकता है। उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि क्राउडस्ट्राइक सभी प्रभावित कस्टमर्स और पार्टनर्स के साथ मिलकर काम करना जारी रखे हुए है। ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी सिस्टम बहाल हो जाएं।
अपडेशन के चलते आया यह संकट : दरअसल क्राउडस्ट्राइक की ओर से माइक्रोसॉफ्ट विंडोज यूजर्स को दिए गए एक सॉफ्टवेयर अपडेट के कारण हुई यह दिक्कत आई थी। इससे माइक्रोसॉफ्ट ऑपरेटिंग सिस्टम पर चलने वाले दुनियाभर के करोड़ों सिस्टम की स्क्रीन नीली हो गई और कंप्यूटर ऑटोमेटिक स्टॉर्ट होने लगा। दुनियाभर में एयरपोर्ट, फ्लाइट, ट्रेनें, हॉस्पिटल, बैंक, रेस्तरां, डिजिटल पेमेंट, स्टॉक एक्सचेंज, टीवी चैनल से लेकर सुपर मार्केट जैसी जरूरी सेवाएं रुक गईं।
प्लान-बी ना होने से बढ़ी दिक्कत : क्राउडस्ट्राइक के अपडेट के कारण ही माइक्रोसॉफ्ट के एज्योर क्लाउड और माइक्रोसॉफ्ट 365 सर्विसेज में परेशानी आई। इस आउटेज के बाद माइक्रोसॉफ्ट ने तुरंत कहा कि यह एक “थर्ड पार्टी इश्यू” है। दूसरे शब्दों में- ये उसकी गलती नहीं थी। माइक्रोसॉफ्ट के पास समस्या से निजात पाने का कोई ‘प्लान बी’ नहीं था। वह इंतजार करती रही कि खुद साइबर सिक्योरिटी फर्म इसे दूर करेगी। माइक्रोसॉफ्ट ऑपरेटिंग सिस्टम पर आई खराबी का सबसे ज्यादा असर एयरपोर्ट पर देखा गया। दुनियाभर में कल करीब 4,295 फ्लाइट कैंसिल करनी पड़ीं। केवल अमेरिका में ही 1100 फ्लाइट रद्द और 1700 डिले हुईं। भारतीय समयानुसार इसका असर शुक्रवार सुबह 10:40 बजे दिखना शुरू हुआ था। मुंबई, दिल्ली, चेन्नई, बेंगलुरु समेत देश के बड़े एयरपोर्ट पर भारी भीड़ देखी गई। ऑनलाइन सर्विसेज ठप होने से कई एयरपोर्ट पर फ्लाइट बोर्डिंग पास हाथ से लिखकर दिए गए।
इतिहास का सबसे बड़ा आईटी संकट : इतने व्यापक असर के चलते यह इतिहास का सबसे बड़ा आईटी संकट बन गया है। इसे ‘डिजिटल पैंडेमिक’ भी बताया जा रहा है। वैसे तो इस बारे में माइक्रोसॉफ्ट ने शुक्रवार सुबह करीब 5 बजे जानकारी दे दी थी। हालांकि, एपल और लाइनक्स के यूजर्स इससे प्रभावित नहीं हुए। दरअसल एयरलाइन और एयरपोर्ट ऑपरेशन में माइक्रोसॉफ्ट का रोल माइक्रोसॉफ्ट का विंडोज सिस्टम एयरपोर्ट और इन फ्लाइट सर्विसेस के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
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