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चौथा क्वॉड शिखर सम्मेलन 21 सितंबर 2024-जलवायु परिवर्तन सुरक्षा चिताओं, इंफ्रास्ट्रक्चर पर रणनीतिक सहयोग मुद्दों पर चर्चा 

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क्वॉड स्ट्रैटेजिक फोरम पर अमेरिका भारत ऑस्ट्रेलिया व जापान रणनीतिक सहयोग को मज़बूत करेंगे

 

भारत 2025 में क्वॉड की मेजबानी व अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के चलते पीएम का 21-23 सितंबर 2024 अमेरिका दौरा,कई मायनों में खास रहेगा -एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया

 

गोंदिया – वैश्विक स्तरपर दुनियां के देशों में आपस के समूह से बनाए गए अनेक अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की उपस्थिति का आगाज़ आज दुनियां महसूस करती है। इसलिए हम देखते हैं कि भारत, न सिर्फ़ हर एक अंतरराष्ट्रीय मंच का एक हिस्सा रहा है बल्कि आज की स्थिति में भारत का दाम और प्रतिष्ठा बढ़ गई है। भारत अफ्रीकी यूनियन, ग्लोबल साउथ व अपने पड़ोस में एक मजबूत अर्थव्यवस्था वाला विकसित देश की ओर बढ़ने वाली महत्वपूर्ण हस्ती हो चला है, जिसके कारण भारत का दबदबा बड़ा है, यही कारण है के जब भारत बोलता है तो विश्व ध्यान से सुनता है। यह इससे अंदाज लगाया जा सकता है कि भारतीय पीएम का नाम संयुक्त राष्ट्र की तरफ से जारी यूनाइटेड जनरल असेंबली के 79 वें सत्र के आम बहस के वक्ताओं की अंतिम सूची में उन लोगों में शामिल था जो 26 सितंबर 2024 को हाई लेवल मीटिंग को संबोधित करेंगे,परंतु अभी असमंजस बरकरार है।परंतु अब विदेश मंत्रालय द्वारा पीएम के अधिकृत दौरे का प्रोग्राम जारी कर 21-23 सितंबर 2024 का विवरण जारी कर दिया है, इसलिए अब माननीय विदेश मंत्री 28 सितंबर 2024 को आम बहस को संबोधित कर सकते हैं व अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन अपने कार्यकाल का अंतिम संबोधन करेंगे। चूंकि चौथा क्वॉड शिखर सम्मेलन 21 सितंबर 2024 को अमेरिका में है,जिसमें जलवायु परिवर्तन, सुरक्षा चिंताओं,इंफ्रास्ट्रक्चर पर रणनीतिक सहयोग मुद्दों पर चर्चा तथा भारत 2025 में क्वॉड की मेजबानी व अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के चलते पीएम का 21-23 सितंबर 2024 अमेरिका दौरा कई मायनों में खास रहेगा, इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से,इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे,क्वॉड स्ट्रैटेजिक फोरम पर अमेरिका भारत ऑस्ट्रेलिया और जापान रणनीतिक संबंधों को मजबूत करेंगे।

साथियों बात अगर हम भारतीय पीएम 21 से 23 सितंबर 2024 को अमेरिका यात्रा के दौरान चौथे क्वॉड शिखर सम्मेलन में शामिल होने की करें तो, विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह बैठक डेलावेयर के विलमिंगटन में आयोजित होगी और इसकी मेजबानी अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन करेंगे। इनके अलावा, पीएम न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के एक कार्यक्रम को भी संबोधित करेंगे। यह समिट काफी अहम माना जा रहा है, जहां सदस्य देश भारत, अमेरिका जापान और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं।इस बैठक के दौरान, क्वाड के नेताओं द्वारा पिछले एक साल में हासिल की गई प्रगति कीसमीक्षा की जाएगी और आगे का प्लान तय की जाएगा। यह प्लान खासकर इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के डेवलपमेंट के लिए अहम साबित होगा। पीएम न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करेंगे। इस समिट में क्वाड सदस्य देशों के बीच पिछले एक वर्ष की प्रगति की समीक्षा और आने वाले समय के लिए प्लान तय किए जाएंगे।पीएम की यात्रा का महत्व इस बात से और बढ़ जाता है कि क्षेत्रीय स्थिरता जैसे मुद्दों पर सदस्य देश गंभीरता से चर्चा करेंगे। मसलन, यूरोपी और मिडिल ईस्ट में चल रहे युद्ध के लिहाज से यह बैठक और भी अहम है, जहां गाजा में भारी संख्या में मासूम जानें जा रही हैं।हालांकि,क्वाड एक मिलिट्री सहयोग संगठन नहीं है, बल्कि इसको आर्थिक सुरक्षा, पर्यावरण में सुधार और अन्य पहलुओं पर फोकस करने के लिए डिजाइन किया गया है। अगला 2025 का क्वॉड समिट भारत में होगा।न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए, पीएम वैश्विक मुद्दों पर भारत की स्थिति और भारत का नजरिया पेश करेंगे।इस संबोधन में अन्य देशों के साथ साझेदारी, वैश्विक चुनौतियों और विभिन्न मुद्दों पर भारत के विजन को सामने रखेंगे क्वाड के अगले समिट की मेजबानी भारत करेगा।

साथियों बात अगर कर हम क्वॉड सम्मिट को समझने की करें तो,क्वाडीलेटरल सिक्योरिटी डायलाग , क्वाड एक इनफॉर्मल स्ट्रैटेजिक फोरम मंच है, जिसमें अमेरिका, भारत, ऑस्ट्रेलिया और जापान शामिल हैं। क्वाड की स्थापना 2007 में की गई थी। जापान के पूर्व पीएम शिंजो आबे 2007 में क्वाड के गठन का विचार रखने वाले पहले व्यक्ति थे।ऑस्ट्रेलिया के पीएम के कार्यालय ने बयान जारी किया। बताया गया किअल्बनीज शिखर सम्मेलन में क्वाड के सकारात्मक और व्यावहारिक एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए क्षेत्रीय मुद्दों और अवसरों पर चर्चा करेंगे। राष्ट्रपति ने कहा,मैं हिंद-प्रशांत क्षेत्र के सामने आने वाली चुनौतियों और भागीदारी को मजबूत करने पर चर्चा करने के लिए अपने क्वाड भागीदारों के साथ बैठक करने के लिए तत्पर हूं। उन्होंने यह भी कहा कि ऑस्ट्रेलिया ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र के भविष्य के लिए गहराई से निवेश किया है। उन्होंने आगे कहा कि ऑस्ट्रेलिया,अमेरिका,भारत और जापान एक ऐसे क्षेत्र के लिए एक दृष्टिकोण साझा करते हैं, जो स्वीकृत नियमों और मानदंडों द्वारा शासित होता है,जहां सभी देश सहयोग,व्यापार और कामयाब हो सकते हैं। इसके अलावा राष्ट्रपति अल्बनीज ने कहा कि हम जिस तरह के क्षेत्र में रहना चाहते हैं, उसे आकार देने के लिए मिलकर काम करेंगे। जब हम अपने करीबी दोस्तों और साझेदारों के साथ मिलकर काम करते हैं तो हम हमेशा बेहतर होते हैं। इसने आगे कहा, इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य देशों के बीच रणनीतिक सहयोग को मजबूत करना, एक स्वतंत्र और खुला हिंद प्रशांत क्षेत्र सुनिश्चित करना और इस क्षेत्र के सहयोगियों को ठोस लाभ प्रदान करना है। इस बैठक में स्वास्थ्य सुरक्षा, प्राकृतिक आपदाओं पर प्रतिक्रिया, समुद्री सुरक्षा, उच्च गुणवत्ता वाले बुनियादी ढांचे, महत्वपूर्ण और उभरती हुई तकनीक, जलवायु और स्वच्छ उर्जा और साइबर सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर फोकस किया जाएगा।

साथियों बात अगर हम वैश्विक अशांति के बीच हो रहे क्वॉड शिखर सम्मेलन की करें तो पीएम की यात्रा का महत्व इस बात से और बढ़ जाता है कि क्षेत्रीय स्थिरता जैसे मुद्दों पर सदस्य देश गंभीरता से चर्चा करेंगे।मसलन, यूरोपी और मिडिल ईस्ट में चल रहे युद्ध के लिहाज से यह बैठक और भी अहम है, जहां गाजा में भारी संख्या में मासूम जानें जा रही हैं।हालांकि, क्वाड एक मिलिट्री सहयोग संगठन नहीं है, बल्कि इसको आर्थिक सुरक्षा, पर्यावरण में सुधार और अन्य पहलुओं पर फोकस करने के लिए डिजाइन किया गया है।न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए, पीएम वैश्विक मुद्दों पर भारत की स्थिति और भारत का नजरिया पेश करेंगे। इस संबोधन में अन्य देशों के साथ साझेदारी, वैश्विकचुनौतियों और विभिन्न मुद्दों पर भारत के विजन को सामने रखेंगे। क्वाड के अगले समिट की मेजबानी भारत करेगा, जो पीएम की इस यात्रा की अहम बात है।

साथियों बात अगर हम 25 हज़ार भारतीयों से मुलाकात की करें तो 22 सितंबर को न्यूयॉर्क में पहला कार्यक्रम लॉन्ग आइलैंड में 16, हज़ार सीटों वाले नासाऊ वेटरंस मेमोरियल कोलिजीयम में सुबह 10 बजे से दोपहर 12बजे तक प्रवासी कार्यक्रम मोदी और यूएस, प्रोग्रेस टुगेदर होगा, जहां वे भारतीय-अमेरिकी समुदाय को संबोधित करेंगे। आयोजकों के अनुसार, प्रवासी कार्यक्रम के लिए 25, हज़ार से अधिक लोगों ने टिकटों के लिए रजिस्ट्रेशन किया है। इस कार्यक्रम से भारत और उसके प्रवासी समुदाय के बीच मजबूत संबंधों को मजबूती मिलेगी। बता दें कि प्रवासी समुदाय की अमेरिका-भारत संबंधों को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका रही है। इसके बाद दोपहर में, प्रधानमंत्री मोदी अपने होटल में टेक्नोलॉजी, एनर्जी और मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में निवेश आकर्षित करने के लिए अमेरिकी व्यापार जगत के नेताओं से भी मुलाकात करेंगे। बैठक के बाद, प्रधानमंत्री मोदी वैश्विक नेताओं के साथ द्विपक्षीय चर्चा करेंगे, जो रात 10बजे तक जारी रहेगी।

साथियों बात अगर हम 23 सितंबर 2024 को वैश्विक संयुक्तराष्ट्र शिखर सम्मेलन में भाग लेने की करें तो,23 सितंबर को पीएम भविष्य का संयुक्त राष्ट्र शिखर सम्मेलन’ में हिस्सा लेंगे, जहां वे एक संक्षिप्त भाषण देंगे। शिखर सम्मेलन में भविष्य की वैश्विक चुनौतियों पर चर्चा की जाएगी, जिसमें सस्टेनेबल डेवलपमेंट, डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन और ग्लोबल गवर्नेंस शामिल है। रविवार को जब भविष्य का शिखर सम्मेलन शुरू होगा, तब प्रधानमंत्री मोदी अप्रवासी रैली में मौजूद रहेंगे और 23 सितंबर की सुबह के सत्र में 72 वक्ताओं में से उन्हें 35 वें वक्ता के रूप में जगह मिली है। अगर उनसे पहले के सभी वक्ता अपने समय पर आते हैं, तो उनकी बारी दोपहर के आसपास (भारत में रात 9:30 बजे) होगी। वहीं, क्लाइमेट चेंज और सतत आर्थिक विकास जैसे मुद्दों पर संयुक्त राष्ट्र में पीएम की उपस्थिति वैश्विक मंच पर भारत की बढ़ती नेतृत्व क्षमता को दिखाती है। पीएम और नेपाल के पीएम के बीच 22 सितंबर को न्यूयॉर्क में मुलाकात हो सकती है,इस मुलाकात के दौरान पीएम को नेपाल आने का औपचारिक तौर पर न्योता दे सकते हैं। हालांकि पीएम इससे पहले भी चार बार अगस्त 2014, नवंबर 2014, मई 2018 और मई 2022 में नेपाल की यात्रा कर चुके हैं।

अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि चौथा क्वॉड शिखर सम्मेलन 21 सितंबर 2024-जलवायुपरिवर्तन सुरक्षा चिताओं, इंफ्रास्ट्रक्चर पर रणनीतिक सहयोग मुद्दों पर चर्चा।क्वॉड स्ट्रैटेजिक फोरम पर अमेरिका भारत ऑस्ट्रेलिया व जापान रणनीतिक सहयोग को मज़बूत करेंगे।भारत 2025 में क्वॉड की मेजबानी व अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के चलते पीएम का 21-23 सितंबर 2024 अमेरिका दौरा,कई मायनों में खास रहेगा।

 

*-संकलनकर्ता लेखक – कर विशेषज्ञ स्तंभकार एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र*

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