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मुद्दे की बात : मोदी आखिर क्यों गए ब्रुनेई ?

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ब्रुनेई की आबादी महज 4 लाख, मगर हर पहलू से मजबूत मुल्क

सिंगापुर से पहले भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ब्रुनेई दौरा अब चर्चा में है। कमोबेश सबका एक ही सवाल है कि महज चार लाख की आबादी वाले द्वीप पर बसे छोटे से मुल्क के दौरे पर आखिर मोदी क्यों गए ? जाहिर है, उसकी अहमियत से नावाकिफ लोगों के लिए यह हैरानी की बात तो है ही। खैर, भारत से 7,486 किलोमीटर दूर एक आईलैंड है, बोर्नियो। इस पर 3 देश बसे हैं, जिनमें में से एक है ब्रुनेई। ये एक इस्लामिक देश है, जहां सिर्फ 4 लाख लोग रहते हैं।

यहां के राजा हसनल बोल्कैया ने प्रधानमंत्री मोदी को न्योता दिया था। आज तक भारत का कोई प्रधानमंत्री ब्रुनेई के दौरे पर नहीं गया था। फिर एक तरफ साउथ चाइना सी और एक तरफ मलेशिया से घिरे इस देश में मोदी क्यों पहुंचे हैं। दरअसल शरिया का पालन करने वाला छोटा सा ब्रुनेई भारत के लिए अहम क्यों बन गया, टैक्स लिए बगैर ब्रुनेई कैसे लोगों को मुफ्त में शिक्षा और इलाज देता है। हसनल बोल्कैया इब्नी उमर अली सैफुद्दीन ब्रुनेई के 29वें सुल्तान हैं। 1984 में अंग्रेजों के जाने के बाद से वे ब्रुनेई के प्रधानमंत्री पद पर भी हैं। फिलहाल वे सबसे लंबे समय तक शासन करने वाले शासकों में से एक हैं। उन्होंने 2017 में 50 साल राज करने पर गोल्डन जुबली मनाई थी।

ब्रुनेई जैसे छोटे से देश में सुल्तान सबसे शक्तिशाली व्यक्ति होने के साथ-साथ सबसे अमीर लोगों में भी शामिल हैं। 1980 तक वे दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति थे। फोर्ब्स के मुताबिक, बोल्कैया की कुल संपत्ति 28 बिलियन डॉलर (2 लाख 35 हजार करोड़ रुपए) है। द टाइम्स यूके के मुताबिक, बोल्कैया बाल कटवाने पर लगभग 16 लाख रुपए खर्च करते हैं। उनके हेयर स्टाइलिस्ट महीने में दो बार प्राइवेट चार्टर्ड प्लेन से बुलाए जाते हैं। डेली मेल के मुताबिक सुल्तान ने खुद के लिए बोइंग 747 विमान खरीदा, जिसकी कीमत करीब 40 करोड़ डॉलर, यानी करीब 3 हजार करोड़ रुपए है। दिलचस्प पहलू है कि उन्होंने इसमें अलग से 989 हजार करोड़ खर्च किया। यानि जितने का जहाज नहीं, उससे अधिक की एसेसरीज जोड़ी गईं, जिसमें सोने का वॉश बेसिन और आलीशान गोल्ड प्लेटेड खिड़कियां शामिल हैं। इस विमान के फ्लोर पर सोने के तारों वाली हैंडमेड कालीन बिछाई गई है।

सुल्तान की विलासिता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने राजा बनने के बाद 50 अरब रुपए का महल बनवाया। इस महल को ‘इस्ताना नुरुल इमान’ के नाम से जाना जाता है। इस महल में 800 कारों को रखने के लिए एक गैराज है। महल की दीवारों पर सोने का पानी चढ़ा हुआ है। 20 लाख वर्ग फीट में फैला यह महल गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज है। 1929 में ब्रुनेई के सेरिया इलाके में तेल की खोज हुई थी। ब्रुनेई में तेल का पहला कुआं ब्रिटिश मलायन पेट्रोलियम कंपनी ने खोदा था, जिसे सेरिया-वन नाम दिया गया था। इस कुएं को अब रॉयल डच शेल के नाम से जाना जाता है। तेल की खोज ने ब्रुनेई को एक महत्वपूर्ण तेल उत्पादक देश के तौर पर पहचान दिलाई। तेल और प्राकृतिक गैस का उत्पादन देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। ब्रुनेई की कुल जीडीपी 1668.15 करोड़ अमेरिकी डॉलर है। इसका आधे से अधिक हिस्सा तेल और गैस बेचने से आता है।

तेल के निर्यात ने ब्रुनेई को दुनिया के टॉप प्रति व्यक्ति आय वाले देशों में शामिल करा दिया है। ब्रुनेई में 2023 में प्रति व्यक्ति आय 29,133 डॉलर (करीब 24.46 लाख रुपए) है। भारत की प्रतिव्यक्ति आय 2,239 डॉलर (करीब 1 लाख 87 हजार रुपए) है। जबकि भारत दुनिया की टॉप-5 इकोनॉमी में शामिल है। देश की अर्थव्यवस्था मजबूत होने से यहां शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं मुफ्त मिलती हैं। ब्रुनेई ने तेल से होने वाली कमाई को अलग-अलग सेक्टर्स में इन्वेस्ट किया है। इससे उसकी अर्थव्यवस्था सिर्फ तेल पर निर्भर नहीं रह गई है। हालांकि अभी भी अर्थव्यवस्था का बड़ा हिस्सा तेल से ही आता है। अपनी स्थिर अर्थव्यवस्था की वजह से ब्रुनेई दक्षिण-पूर्व एशिया की क्षेत्रीय राजनीति में एक प्रमुख खिलाड़ी है। ब्रुनेई को इसकी टैक्स पॉलिसी, गोपनीय कानूनों की वजह से टैक्स हेवन कहा जाता है। इसकी वजह से व्यापारी निवेशक ब्रुनेई की तरफ आकर्षित होते हैं। ब्रुनेई में पर्सनल इनकम पर कोई टैक्स नहीं लगता है। यह नियम देश में रहने वाले नागरिकों और प्रवासियों दोनों पर लागू होता है। इसलिए ये उन लोगों के लिए खास हो जाता है जो इनकम टैक्स देने से बचना चाहते हैं।

दूसरी तरफ यहां कॉर्पोरेट टैक्स भी सिर्फ 18.5% लगता है। साथ ही अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और शिपिंग में शामिल कंपनियों को कॉर्पोरेट टैक्स में छूट मिलती है या काफी कम टैक्स लगता है। इसकी वजह से विदेशी कंपनियों के लिए ब्रुनेई में अपने बिजनेस लगाना फायदेमंद होता है। देश में निवेश से होने वाले लाभ और विरासत पर भी कोई टैक्स नहीं लगता है। इसके अलावा ब्रुनेई ने बैंकिंग की गोपनीयता को लेकर सख्त कानून बनाए हुए हैं। इससे खाता धारकों की गोपनीयता सुरक्षित रहती है। इससे विदेशी टैक्स एजेंसियों को ब्रुनेई में मौजूद खातों की जानकारी नहीं मिल पाती है। इस वजह से लोग यहां खातों में पैसा रखना सेफ मानते हैं। ब्रुनेई में करेंसी एक्सचेंज को मॉनिटर नहीं किया जाता है। इस वजह से पूंजी को देश से बाहर ले जाने और देश में लाने में आसानी होती है।

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