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शिक्षित होने के साथ सक्षम भी हो महिलाएं ताकि भविष्य रहे सुरक्षितः डा. इकबाल कौर

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नए सत्र में नई शिक्षा पद्धति लागू होने से शिक्षा पद्धति में होंगे कई बदलाव

मंजू कपूर

लुधियाना 27 मार्च : शिक्षित व्य़क्ति सभ्य समाज का आइना है जरूरी नही कि हर शिक्षित व्यक्ति जाब करे यांं व्यवसाय लेकिन शिक्षा हमें वह ज्ञान देती है जिससे हम जीवन में अपना और अपने परिवार का बेहतर ख्याल रखने में सफल हो पाते है। लेकिन शिक्षित होने के साथ यदि महिलाएँ सक्षम भी हो तो उनका भविष्य सुरक्षित हो जाता है इसलिए शिक्षा जाब ओरिएटिड होनी चाहिए ताकि विधालय से निकलते ही लडकियां आत्मनिर्भर हो सके इसके लिए हमारे कालेज में कई वोकेशनल कोर्स करवाए जाते है यह कहना है मालवा कालेज घुमार मंडी की प्रधानाचार्य डा. इकबाल कौर का। डा. कौरकहती है सरकार की ओर से लागू शिक्षा नीति जो कोरोना काल के कारण लागू नही हो पाई अब शिक्षित होने के साथ सक्षम भी हो महिलाएं ताकि भविष्य रहे सुरक्षितः डा. इकबाल कौर

नए सत्र में नई शिक्षा पद्धति लागू होने से शिक्षा पद्धति में होंगे कई बदलाव

मंजू कपूर

लुधियाना/ यूटर्न/ 27 मार्च/ शिक्षित व्य़क्ति सभ्य समाज का आइना है जरूरी नही कि हर शिक्षित व्यक्ति जाब करे यांं व्यवसाय लेकिन शिक्षा हमें वह ज्ञान देती है जिससे हम जीवन में अपना और अपने परिवार का बेहतर ख्याल रखने में सफल हो पाते है। लेकिन शिक्षित होने के साथ यदि महिलाएँ सक्षम भी हो तो उनका भविष्य सुरक्षित हो जाता है इसलिए शिक्षा जाब ओरिएटिड होनी चाहिए ताकि विधालय से निकलते ही लडकियां आत्मनिर्भर हो सके इसके लिए हमारे कालेज में कई वोकेशनल कोर्स करवाए जाते है यह कहना है मालवा कालेज घुमार मंडी की प्रधानाचार्य डा. इकबाल कौर का। डा. कौरकहती है सरकार की ओर से लागू शिक्षा नीति जो कोरोना काल के कारण लागू नही हो पाई अब नए सत्र से लागू होने जा रही है जिसके तहत शिक्षा नीति में कई साकारात्मक बदलाव होगे जिनके परिणाम भी बेहतर ही रहेंगे। हामरे यहां हर वर्ष कालेज में भारी तादाद में स्टूडेटस एडमिशन लेते है। कालेज में इसके लिए लगभग 26 विभाग है जहां बैचूलर्स ओर पोस्ट ग्रेजूएशन कर स्टूडेस जीवन की राह पर आगे निकलते है। ज्यादातर प्रवासी परिवारों से लडकियां आती है जिनकी शिक्षा के लिए कालेज से कई एनजीओ और कालेज के कई टीचर्स भी स्टूडेटस की पढाई का खर्च उठाते है ताकि जिनमें शिक्षा के लिए लगन है वे किसी तरह से पीछे ना रहे। लडकियां भी पढाई के पहले वर्ष से ही वोकेशनल कोर्स में भी एडमिशन लेती है ताकि आत्मनिर्भर हो सके। समय समय पर पेरेंटस के साथ भी मीटिंग्स रखी जाती है ताकि वे भी जागरूक रहे। डाै. कौर ने कहा कि हमारा प्रयास है कि शिक्षा नीति में बदलाव लाए जाए ताकि जो

कमियां है वो दूर हो ताकि स्टूडेटस विदेश की ओर आकर्षित ना हो और अपने ज्ञान से देश में रह देश का नाम रोशन करे। सत्र से लागू होने जा रही है जिसके तहत शिक्षा नीति में कई साकारात्मक बदलाव होगे जिनके परिणाम भी बेहतर ही रहेंगे। हामरे यहां हर वर्ष कालेज में भारी तादाद में स्टूडेटस एडमिशन लेते है। कालेज में इसके लिए लगभग 26 विभाग है जहां बैचूलर्स ओर पोस्ट ग्रेजूएशन कर स्टूडेस जीवन की राह पर आगे निकलते है। ज्यादातर प्रवासी परिवारों से लडकियां आती है जिनकी शिक्षा के लिए कालेज से कई एनजीओ और कालेज के कई टीचर्स भी स्टूडेटस की पढाई का खर्च उठाते है ताकि जिनमें शिक्षा के लिए लगन है वे किसी तरह से पीछे ना रहे। लडकियां भी पढाई के पहले वर्ष से ही वोकेशनल कोर्स में भी एडमिशन लेती है ताकि आत्मनिर्भर हो सके। समय समय पर पेरेंटस के साथ भी मीटिंग्स रखी जाती है ताकि वे भी जागरूक रहे। डाै. कौर ने कहा कि हमारा प्रयास है कि शिक्षा नीति में बदलाव लाए जाए ताकि जो

कमियां है वो दूर हो ताकि स्टूडेटस विदेश की ओर आकर्षित ना हो और अपने ज्ञान से देश में रह देश का नाम रोशन करे।

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