हीरो बेकरी के बाद अब एक बार फिर से कोर्ट के निर्देशों पर हावी निगम अधिकारी !

Rajdeep Saini
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राजदीप सिंह सैनी
लुधियाना 25 नवंबर। नगर निगम अपने अलग कार्यों को लेकर अक्सर चर्चा में बना रहता है। जहां पहले सरकारी जमीन पर बनी हीरो बेकरी को कोर्ट में बचाने के लिए नगर निगम के पूर्व व मौजूदा एटीपी द्वारा जीन जान लगा दी गई, वहीं अब नया मामला सराभा नगर के ब्लॉक-एच का सामने आया है। जहां पर अवैध तरीके से रिहायशी इलाके में होटल तैयार किया जा रहा है। माननीय कोर्ट द्वारा उक्त बिल्डिंग को लेकर स्टे ऑर्डर दे दिया। लेकिन हैरानी की बात तो यह है कि होटल मालिक द्वारा निगम अफसरों के साथ मिलकर दो बार सील भी तोड़ दी और अब स्टे होने के बावजूद अंदर कंस्ट्रक्शन का काम धड़ल्ले से किया जा रहा है। जिसे देख इलाका निवासियों ने आरोप लगाया कि अफसरों की मिलीभगत के बाद यह पूरा खेल किया जा रहा है।

तेजी से किया गया निर्माण
ब्लॉक-एच के प्रेजिडेंट व इलाका निवासी अशोक जैन ने बताया कि यह एरिया 100 प्रतिशत रिहायशी है। यह एरिया टीपी (टाउन प्लानिंग) स्कीम के अधीन आता है। लेकिन उसके बावजूद एक बब्बू टखर नामक व्यक्ति द्वारा रिहायशी इलाका होने के बावजूद यहां पर होटल बनाया जा रहा है। उनका आरोप है कि यह होटल इतनी तेजी से तैयार किया गया कि किसी को भनक तक नहीं लगने दी गई। हालांकि उक्त होटल मालिक के शहर में दो और नामी होटल भी हैं।

निगम ने दो बार सील लगाई, दोनों बार तोड़ी
अशोक जैन ने बताया कि करीब छह महीने पहले उन्होंने इस मामले संबंधी सीएम पंजाब, लोकल बॉडी विभाग, डीसी और निगम कमिश्नर को शिकायत की थी। जिसके बाद निगम द्वारा बिल्डिंग को सील कर दिया गया था। लेकिन फिर अफसरों की मिलीभगत से सील तोड़ दी गई। फिर उन्होंने दोबारा निगम कमिश्रर को शिकायत की। फिर 15-20 दिन बाद एटीपी मोहन सिंह और इंस्पेक्टर तरुण कुमार ने मौके पर आकर दोबारा सील लगाई। लेकिन कुछ दिन बाद फिर तोड़ दी। अब सील खुली है और अंदर कंस्ट्रक्शन का काम चल रहा है।

दो बार सील तोड़ी, एक बार भी एफआईआर नहीं करवाई
वहीं हैरानी की बात तो यह है कि सरकार द्वारा लगाई गई सील को अगर कोई आम व्यक्ति तोड़ दे, तो निगम अफसर तुरंत उस पर एक्शन ले लेते हैं। लेकिन यहां पर दो बार सील तोड़ दी गई और एक बार भी एफआईआर नहीं करवाई गई। हालांकि एटीपी मोहन सिंह और इंस्पेक्टर तरुण कुमार को सील तोड़ने की अच्छे से जानकारी है। जिसकी एक वीडियो भी सामने आई है। जहां एटीपी मोहन सिंह खुद मान रहे हैं कि सील टूटी है। सील टूटने का पता है, लेकिन कार्रवाई फिर भी नहीं करवाई जा रही। हालांकि एटीपी मोहन सिंह से संपर्क किया तो उन्होंने 15 दिन की छुट्‌टी पर होने की बात कही। उनकी जगह चार्ज देख रहे एटीपी जगदीप सिंह से संपर्क किया तो उन्होंने भी फोन नहीं उठाया।

कोर्ट का स्टे, निगम कमिश्नर पर सामान अंदर रखवाने के आरोप
वहीं अशोक जैन ने आरोप लगाया कि बिल्डिंग मालिक द्वारा जब पहली सील तोड़ी गई तो वह निगम कमिश्नर आदित्य डेचलवाल से मिले। उन्होंने दोबारा सील के आदेश दिए। फिर सील तोड़ी तो उन्होंने फिर कमिश्नर से मुलाकात की। जिस पर कमिश्नर बोले कि वैसे तो बिल्डिंग मालिक सील तोड़ नहीं सकता, अगर तोड़ी है तो कोई न बिल्डिंग नहीं बनने दी जाएगी। अशोक जैन अनुसार निगम अफसरों की मिलीभगत देख उन्होंने माननीय कोर्ट में याचिका दायर की। कोर्ट ने जुलाई महीने में स्टे ऑर्डर दे दिए। फिर भी बिल्डिंग में लाइटें लगने व कंस्ट्रक्शन का काम होने पर उन्होंने निगम कमिश्नर से दोबारा मुलाकात की। अशोक का आरोप है कि कमिश्नर बोले अब सामान तो अंदर रख ही सकते हैं। हालांकि इस संबंधी बयान लेने के लिए कमिश्नर से संपर्क किया, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।

हीरो बेकरी का भी बचाव कर रहे एटीपी
वहीं इसी तरह सरकारी जमीन पर बनी हीरो बेकरी से भी हाईकोर्ट द्वारा कब्जा छुड़वाने के ऑर्डर दिए थे। लेकिन निगम अफसरों ने मिलीभगत करके एक्शन नहीं लिया। अब जिला कोर्ट में मामला विचाराधीन है। लेकिन अब फिर से निगम अफसर दस्तावेजों में हेरफेर करके हीरो बेकरी को बचाने में लगे हुए हैं।

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