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लोकसभा चुनाव 2024 जालंधर सीट,रविदास समुदाय के 5 कैंडिडेट से फंसा पेच

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पंजाब /20 मई: पंजाब की जालंधर लोकसभा सीट पर पांच कोणीय टक्कर है। आप, कांग्रेस, अकाली दल, भाजपा और बसपा के उंमीदवार मैदान में हैं। इस सीट की सबसे खास बात है कि यहां पांचों उंमीदवार रविदास समुदाय के हैं। पंजाब के दोआबा रीजन को राज्य की दलित पॉलिटिक्स का केंद्र माना जाता है। यहां का फुटबॉल चौक काफी मशहूर है। पास ही में चौपाटी भी है। शाम के वक्त काफी भीड़ रहती है। चाट, दही भल्ले और बंटा की बोतलों से निकलती गैस यहां की राजनीति को भी समझ रही हैं। लोगों से बात की तो पता चला कि वे दल-बदलू नेताओं से काफी परेशान हैं। वे अपने आप को ठगा हुआ महसूस करते हैं। फर्स्ट टाइम वोटर ने बताया कि इस बार के लोकसभा चुनावों को समझने के लिए वह न्यूजपेपर और सोशल मीडिया पर निगाहें जमाए हुए हैं। उनके हिस्से दल-बदलू आ रहे हैं। उनका इशारा भाजपा उँमीदवार सुशील कुमार रिंकू की ओर था। रिंकू पहले कांग्रेस फिर आप के टिकट पर सासंद बने। चुनाव से पहले टिकट मिलने के बावजूद उन्होंने भाजपा जॉइन कर ली। जालंधर सीट पर कांग्रेस के चरणजीत सिंह चन्नी को छोडक़र तीनों प्रमुख पार्टियों के उंमीदवार पार्टियां बदलते रहे हैं।
लोगों की राये
चौपाटी के बाहर ई-रिक्शा वालों ने अपने दर्द बताए। उन्होंने कहा कि जो नेता बनता है वह अपना घर भरता है। जालंधर में पिछले कई वर्षों में क्या विकास हुआ कोई नहीं बता पाएगा। झाड़ू वाले फ्री बिजली पर वोट मांग रहे हैं। चन्नी कह रहे हैं कि हाथ बदलेगा हालात। रिंकू के पास मोदी का चेहरा है और अकाली पंथ की लड़ाई की बात कर रहे हैं। एक ई-रिक्शा चालक हरि ओम ने कहा कि हम चाहते हैं यहां इंडस्ट्री आए। इससे काम बढ़ेगा। हम लोग यह दिन की 400-500 रुपये की दिहाड़ी नहीं करना चाहते। गुरुद्वारा दुख निवारन साहिब, गुरु रविदास धाम, देवी तालाब मंदिर से लेकर डेरा सचखंड बालां, गीता मंदिर और नाकोदर की पीर यहां के मशहूर धार्मिक तीर्थस्थान हैं। डायरेक्टर यश चोपड़ा, अनुराग सिंह से लेकर सिंगर दिलजीत दोसांझ, अभिनेता सुनील दत्त, अमरीश पुरी यहीं जन्मे।
समीकरण रोजाना बदल रहे हैं
आप की तरफ से पिछले साल उपचुनाव जीतकर कांग्रेस से सीट छीन ली गई थी। आप ने कांग्रेस के नेता रिंकू को पार्टी में शामिल कर मैदान में उतारा था। इस तरह उसने कांग्रेस से सीट छीन ली थी। भाजपा इस बार आप पर भारी पड़ी। उनका सांसद और उंमीदवार वह लेकर चली गई। उन्हें जालंधर से टिकट भी दे दिया। कांग्रेस के चन्नी बड़ा चेहरा हैं, लेकिन उनके समधी अकाली दल में चले गए हैं और वहां से चन्नी को हराने के लिए ताकत लगा रहे हैं। रिश्तेदारों में मुकाबला है। हालांकि, चन्नी अच्छी टक्कर दे रहे हैं। मुकाबले में उनकी तरफ हवा का रुख जरूर दिख रहा है। अकाली दल के नेता पवन टीनू आप के उंमीदवार बन गए हैं। अकाली दल के बलविंदर कुमार तेजतर्रार हैं। 2019 में 2 लाख से ज्यादा वोट ले गए थे। वह कांग्रेस के लिए खतरे की घंटी बन सकते हैं। रविदास समाज का वोट पांचों में बंटने से जीत का मार्जिन काफी कम होने वाला है।
आप के लिए बड़ी चुनौती
आप ने पंजाब के चुनाव में पहली बार 2014 में कदम रखा। 2014 के लोकसभा चुनाव में पार्टी ने अपने उंमीदवार मैदान में उतारे। आप को खासकर जालंधर जिले में पांव जमाने में खासी मेहनत करनी पड़ी। 8 साल तक आप जिले में अपना खाता ही नहीं खोल पाई। 2014 के लोकसभा चुनाव, 2017 के विधानसभा चुनाव और 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी को जालंधर में कुछ हाथ नहीं लगा। 2022 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने वापसी की और जिले की नौ में से चार सीटों पर जीत दर्ज की।

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