हरियाणा/23 मई: साइबर ठगों को ठगी की राशि ट्रांसफर करने के लिए बैंक खाता मुहैया कराने के आरोप में आईडीएफसी बैंक के कर्मचारी को अरेस्ट किया गया है। साइबर क्राइम थाना ईस्ट की टीम ने स्टॉक मार्केट में निवेश पर मुनाफे का झांसा देकर 1 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी मामले में जांच करते हुए इसे पकड़ा है। आरोपी की पहचान राजस्थान झुंझनू निवासी सतीश के तौर पर हुई। इसके एक अन्य साथी प्रीतम को भी पुलिस ने अरेस्ट किया है। अब तक 14 बैंक कर्मचारियों को गुरुग्राम साइबर क्राइम पुलिस अरेस्ट कर चुकी है।साइबर क्राइम थाना ईस्ट पुलिस को 16 फरवरी 2024 को एक व्यक्ति ने शिकायत दी, जिसमें कहा गया कि स्टॉक मार्केट में निवेश करने पर बेहतर मुनाफे का झांसा देकर उससे 1 करोड़ 5 लाख 50 हजार रुपये की ठगी कर ली गई। 17 फरवरी 2024 को साइबर क्राइम थाना ईस्ट में साजिश के तहत ठगी और आईटी एक्ट की धारा में एफआईआर दर्ज की गई।
राजस्थान के दो आरोपी गिरफतार
एसीपी साइबर क्राइम प्रियांशु दीवान की अगुवाई में साइबर क्राइम थाना ईस्ट एसएचओ इंस्पेक्टर सवित कुमार की टीम ने जांच करते हुए दो आरोपियों को अरेस्ट किया है। इनकी पहचान राजस्थान झुंझनू निवासी प्रीतम और सतीश के तौर पर हुई। प्रीतम को 20 मई को और सतीश को 22 मई को राजस्थान झुंझनू से ही अरेस्ट किया गया है।
50 हजार में बेचता था एक खाता
आरोपियों से पूछताछ में पता चला कि सतीश आईडीएफसी बैंक की झुंझनू ब्रांच में रिलेशन मैनेजर है। रुपयों के लालच में फर्जी तरीके से बैंक खाते खोलकर साइबर ठगों को उपलब्ध कराता था। इन खातों का प्रयोग साइबर ठगी की राशि ट्रांसफर करने में होता। आरोपी सतीश 1 बैंक खाता उपलब्ध कराने के लिए 50 हजार रुपये लेता था। आरोपी प्रीतम इन खातों को सतीश से लेकर आगे साइबर ठगों तक पहुंचाने के लिए बिचौलिये के तौर पर काम करता था। इस मामले में अब तक पुलिस कुल 8 आरोपियों को अरेस्ट कर चुकी है।
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