चंडीगढ़ पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट और दिल्ली सुप्रीम कोर्ट के स्पेशल ऑर्डर्स के बावजूद भी चंडीगढ़ एडमिनिस्ट्रेशन पर कोई असर नहीं दिख रहा। यही वजह है कि शिवालिक गार्डन, इंदिरा कालोनी पार्क, ग्रीन बेल्ट और दूसरे छोटे-बड़े पार्कों में आवारा कुत्तों के झुंड घूमते नजर आते हैं। सुबह-शाम टहलने वाले लोग अक्सर इन कुत्तों का शिकार बन जाते हैं, लेकिन संबंधित विभाग पूरी तरह आंख बंद किए बैठे हैं।
मनीमाजरा में हर जगह कुत्तों के झुंड
समाजसेवी राजबीर सिंह और सुभाष धीमान बताते हैं कि मनीमाजरा अब सेक्टर 13 का दर्जा पा चुका है, पर हालत आज भी वही हैं। जहां भी जाओ, कुत्तों के झुंड आपका पीछा करते मिल जाएंगे। लोग चाहकर भी इनसे बच नहीं पाते। पार्क में जाने पर तो गेट से अंदर तक कुत्ते खड़े होकर जैसे आपका “वेलकम” करते हैं। शिवालिक गार्डन और इंदिरा कालोनी का ग्रीन बेल्ट पार्क — दोनों जगह रोज ही बच्चे, बुजुर्ग, महिलाएं और दिव्यांग लोग इन कुत्तों का शिकार बन रहे हैं। कई बार इनके काटने से जान का भी खतरा बन जाता है, लेकिन प्रशासन को ये सब दिखता ही नहीं।
नियम भी टूट रहे, पार्क भी गंदे हो रहे
राजबीर सिंह का कहना है कि हम चंडीगढ़ जैसे डेवलप्ड शहर में रहते हैं, पर यहां भी पढ़े-लिखे लोग अपने पालतू कुत्तों को पार्क में ले जाते हैं जबकि गेट पर साफ लिखा है कि डॉग्स को अंदर न लाएं। पार्क जो हेल्दी वॉक के लिए बनाए गए हैं, वहीं कुत्तों को मल-मूत्र करवाते हुए देखा जाता है।
प्रशासन से कार्रवाई की मांग
लोगों का कहना है कि जैसे आवारा पशुओं के लिए गौशाला बनाई जाती है, वैसे ही आवारा कुत्तों के लिए डॉग शेल्टर होम बनने चाहिए। ताकि लोगों की जान से खिलवाड़ ना हो और शहर में सुरक्षित माहौल बन सके।
