पंजाब में पराली जलाने के मामले 2500 पार, चार शहरों की हवा हुई जहरीली

👇खबर सुनने के लिए प्ले बटन दबाएं

Listen to this article

पंजाब में पराली जलाने के मामलों ने 2500 का आंकड़ा पार कर लिया है। सोमवार को 256 नए मामले सामने आए, जिनमें सबसे ज्यादा 61 घटनाएं संगरूर जिले से दर्ज की गईं। लगातार पराली जलने से राज्य की हवा में प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ रहा है। सोमवार को चार शहरों की वायु गुणवत्ता खराब श्रेणी (ओरेंज जोन) में दर्ज की गई — पटियाला का एक्यूआई 250, खन्ना का 248, मंडी गोबिंदगढ़ का 234 और जालंधर का 206 रहा।

प्रदूषण से बढ़ी सेहत संबंधी दिक्कतें

सेहत विभाग ने वायु प्रदूषण से बचाव के लिए एडवाइजरी जारी की है। सिविल सर्जन पटियाला डॉ. संजय कामरा ने बताया कि खराब एक्यूआई के कारण अस्थमा और सांस संबंधी रोगियों की संख्या बढ़ रही है। आंखों में जलन, सांस लेने में दिक्कत और थकान जैसे लक्षण आम हैं। उन्होंने किसानों से अपील की कि वे पराली जलाने से बचें ताकि लोगों की सेहत सुरक्षित रहे।

जनता को दी गई सावधानियां

विभाग ने सलाह दी है कि लोग धूल-मिट्टी से बचने के लिए मास्क पहनें, घर में गीले पोछे का प्रयोग करें और कूड़ा या पत्ते न जलाएं। बच्चों, बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं को प्रदूषित इलाकों में जाने से रोका जाए।

मोगा में जागरूकता से घटे मामले

मोगा जिले में अब तक सिर्फ 60 पराली जलाने के मामले दर्ज हुए हैं, जो पिछले तीन वर्षों में सबसे कम हैं। डीसी सागर सेतिया और एसएसपी अजय गांधी ने गांवों में जाकर किसानों को इन-सीटू और एक्स-सीटू तरीकों से पराली प्रबंधन के लिए प्रेरित किया। अब तक 26 किसानों पर केस दर्ज और 1.5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।

Leave a Comment