डाइंग इंडस्ट्री में PPCB एक्सईएन रंतेज शर्मा की दबंगई से दहशत, भ्रष्टाचार के चर्चे चरम पर
लुधियाना, यूटर्न, 01 दिसंबर। पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (PPCB) के आरओ-1 में तैनात एक्सईएन रंतेज शर्मा इन दिनों डाइंग इंडस्ट्री में खौफ का पर्याय बन चुके हैं। उद्योग जगत में जोरदार चर्चा है कि वे एनजीटी के आदेशों का हवाला देकर किसी भी डाइंग यूनिट में अचानक सैम्पल चेकिंग के नाम पर पहुंच जाते हैं और 2–2 लाख रुपये तक की कथित वसूली की जाती है। जो कारोबारी रकम देने से मना करते हैं या आनाकानी करते हैं, उन्हें सैम्पल फेल करने की सीधी धमकी दी जाती है।
चर्चा हैं कि कई कारोबारी इनकी कार्यशैली से परेशान होकर उच्च अधिकारियों तक पहुंचे, लेकिन उल्टा एक्सईएन ने सीनियर अधिकारियों को ही ऑपरेटरों और यूनिट मालिकों के सामने फटकार लगाते हुए अपना प्रभाव और मजबूत कर लिया। यही वजह है कि इंडस्ट्री में इस दबंगई का विरोध करना तक मुश्किल हो गया है। हलांकि मंत्री संजीव अरोड़ा ने पिछले दिनों ऐसे ही एक मामले में उदाहरण कायम किया है लेकिन इन साहिब पर उसका भी कोई असर नहीं दिख रहा। वहीं एक्सईएन की कारगुजारी कारोबार जगत में सरकार की बदनामी का कारण बन रही है।
गौरतलब है कि आरओ-1 क्षेत्र PPCB का सबसे ‘मलाईदार इलाका’ माना जाता है, जिसमें माछीवाड़ा, जालंधर बाइपास, ढाबा रोड सहित बड़ी संख्या में डाइंग यूनिट्स आती हैं। उद्योग जगत में यह भी चर्चा गर्म है कि बिना किसी उच्चस्तरीय राजनीतिक या विभागीय संरक्षण के इतनी खुली दबंगई संभव नहीं हो सकती, हालांकि इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं है और न ही एक्सईएन शर्मा से संपर्क किया जा सका।
इंडस्ट्री से जुड़े कई कारोबारी कहते हैं कि अगर PPCB के अधिकारियों की CBI या ED जांच हो जाए, तो पूरा सच और कथित एक्सटॉर्शन नेटवर्क उजागर हो सकता है। फिलहाल डाइंग यूनिट्स में डर और अनिश्चितता का माहौल बना हुआ है।
