पंजाब पुलिस ने बेअदबी मामले में बड़ा कदम उठाया है। अमृतसर कमिश्नरेट पुलिस ने श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के 328 पवित्र स्वरूपों के गायब होने के मामले में 16 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। इनमें कई जिम्मेदार कर्मचारी और अधिकारी शामिल बताए जा रहे हैं।
लंबी जांच के बाद मामला दर्ज
यह एफआईआर अमृतसर स्थित एसजीपीसी के प्रकाशन भवन में रिकॉर्ड की देखभाल और प्रबंधन में सामने आई कमियों की लंबी जांच के बाद दर्ज की गई है। मामला आईपीसी की धाराओं 295, 295-ए, 409, 465 और 120-बी के तहत थाना डिवीजन-सी में दर्ज हुआ है।
पंजाब विधानसभा के स्पीकर कुलतार सिंह संधवां ने कहा कि राज्य सरकार किसी भी धर्म की बेअदबी को बर्दाश्त नहीं करेगी और दोषियों को हर हाल में सख्त सज़ा मिलेगी।
सरकार की कार्रवाई की सराहना
भाई बलदेव सिंह वडाला ने सरकार के इस कदम की तारीफ की। उन्होंने मांग की कि बेअदबी जैसे मामलों में दोषियों को कड़ी सज़ा मिले ताकि भविष्य में कोई ऐसा कदम उठाने की हिम्मत न करे।
एसजीपीसी की नाराज़गी
एसजीपीसी अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने सरकार की दखलअंदाजी पर नाराज़गी जताई। उनका कहना है कि यह मामला पूरी तरह एसजीपीसी का प्रशासनिक विषय है और इसकी जांच श्री अकाल तख्त साहिब पहले ही कर चुका है। जांच में यह सामने आया कि यह बेअदबी नहीं बल्कि कुछ कर्मचारियों द्वारा पैसे की हेराफेरी का मामला था।
धामी ने सरकार को चेतावनी दी कि वह सिख संस्थाओं के मामलों में दखल देना बंद करे, वरना इसके नतीजों की ज़िम्मेदारी सरकार की होगी।
