लुधियाना 7 दिसंबर : कांग्रेस में हल्का वेस्ट की राजनीति एक बार फिर सुर्खियों में है। यहां कांग्रेस की भीतरखाती, नई जोड़तोड़ और बदलते समीकरण लगातार चर्चा का विषय बने हुए हैं। पूर्व मंत्री और बाहुबली नेता भारत भूषण आशु की विधानसभा चुनाव, उपचुनाव और निगम चुनाव में पत्नी ममता आशु तथा भाभी लीना नरेंद्र काला की लगातार हार ने जहां उनके राजनीतिक ग्राफ को झटका दिया, वहीं आशु का शादी-समारोहों और शोक सभाओं में सक्रिय रहते हुए सोशल मीडिया के जरिए जनता को “कमबैक मोड” का प्रभाव दे रहा हैं।

दूसरी ओर, पूर्व जिला प्रधान और वरिष्ठ नेता पवन दीवान ने हल्के में अपनी गतिविधियां अचानक तेज कर दी हैं। जवाहर नगर और मॉडल ग्राम के जमीनी नेता टोनी कपूर के उनकी लगातार की जा रही बैठकों में सारथि बनने से कांग्रेस की अंदरूनी राजनीति में नई हलचल पैदा कर दी है। दीवान की प्रदेश प्रधान राजा वड़िंग से निकटता और एमपी मनीष तिवारी के साथ मजबूत रिश्ता भी इस पूरे घटनाक्रम को और महत्वपूर्ण बना देता हैं।
गौरतलब है कि लुधियाना कांग्रेस लंबे समय से दो बड़े खेमों में बंटी हुई है—एक ओर पूर्व मंत्री आशु का गुट, वहीं दूसरी ओर पूर्व जिला प्रधान संजय तलवार और अन्य पूर्व विधायक अलग पाले में खड़े दिखते हैं। जिन्हें बैंस ब्रदर्स जैसे नेताओं का भी समर्थन मिल चूका है ऐसे में पवन दीवान का नुक्कड़ मीटिंगों में एक्टिव होना पार्टी के भीतर शक्ति-संतुलन को प्रभावित कर सकता है।
इसी बीच टीम आशु के करीबी और लोकप्रिय चेहरा सन्नी भल्ला उर्फ “जनता लीडर” भी अगला विधानसभा चुनाव लड़ने की सार्वजनिक इच्छा जता चुके हैं। हलांकि उन्हें टिकट मिलता है या नहीं यह तो वक्त ही बताएगा लेकिन अगर वे चुनाव लड़ते है तो सीधे शब्दों में पूर्व मंत्री आशु का चुनाव प्रभावित होगा इन सब में लुधियाना वेस्ट में कांग्रेस की राजनीति किस करवट बैठेगी—यह आने वाला समय ही तय करेगा, लेकिन फिलहाल चर्चाओं का बाजार गर्म है।
