देहरादून से हिमाचल प्रदेश के नालागढ़ जा रही एक महिला उस वक्त घबरा उठी जब खरीदारी के दौरान वह कार से उतर गई और उसका दो वर्षीय बच्चा कैब में ही रह गया। ड्राइवर ने पीछे देखे बिना कार स्टार्ट की और करीब 15 किलोमीटर तक बच्चे को लेकर आगे बढ़ गया। समय रहते पुलिस की तत्परता से बच्चा सुरक्षित मां से मिल गया।
डीसीपी पंचकूला सृष्टि गुप्ता के अनुसार महिला ने सुबह 6 बजे देहरादून से कैब बुक की थी। पिंजौर पहुंचने पर वह केले और अन्य सामान लेने उतरी और बच्चे को मोबाइल देकर बाहर आई। इसी दौरान ड्राइवर भी कुछ खरीदने उतरा, लेकिन वापस आकर गलती से यह मानते हुए कि महिला पीछे बैठी है, कार लेकर नालागढ़ की ओर रवाना हो गया।
महिला ने जब देखा कि कार वहां नहीं है, तो वह घबरा गई और तुरंत करीब सुबह 10:30 बजे पुलिस को सूचना दी। सूचना मिलते ही ईआरवी-526 की टीम—इंचार्ज रिषी कुमार, एसपीओ रामचंदर और एसपीओ परवेश मसीह—ने वाहन की तलाश शुरू की। महिला के मोबाइल पर कॉल किया गया, जिसे बच्चे ने रिसीव किया। पुलिस ने बच्चे से फोन ड्राइवर को देने को कहा और संपर्क स्थापित किया।
ड्राइवर ने बताया कि उसे यह अहसास नहीं हुआ कि महिला कार में नहीं है। वह पिंजौर-नालागढ़ रोड पर लगभग 15 किलोमीटर आगे पहुंच चुका था। पुलिस के निर्देश पर उसने तुरंत वाहन रोक दिया।
पिंजौर थाना के सब इंस्पेक्टर रोशनलाल ने बताया कि जांच में किसी भी संदिग्ध या आपराधिक मंशा की पुष्टि नहीं हुई। घटना को पूरी तरह गलतफहमी मानते हुए बच्चे को सुरक्षित महिला के हवाले कर दिया गया।
पंचकूला पुलिस ने अपील की है कि वाहन से उतरते समय बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता दें और चालक भी वाहन स्टार्ट करने से पहले सभी यात्रियों की मौजूदगी सुनिश्चित करें।
