ब्रिटेन की सरकार ने एंटी टेररिज्म कानून लगाकर ब्रिटिश सिख बिजनेसमैन गुरप्रीत सिंह रेहल के सारे बैंक अकाउंट फ्रीज कर दिए। अब वो किसी भी कंपनी में डायरेक्टर की तरह काम भी नहीं कर सकते। सरकार को शक है कि रेहल ने भारत में एक्टिव खालिस्तानी आतंकी ग्रुप बब्बर खालसा को फाइनेंशियल मदद दी है। इसके साथ ही ‘बब्बर अकाली लहर’ नाम के एक और ग्रुप को भी बैन कर दिया गया है।
सरकार बोली– टेरर फंडिंग बिलकुल बर्दाश्त नहीं
ब्रिटेन के ट्रेजरी डिपार्टमेंट ने बताया कि ये ग्रुप बब्बर खालसा के लिए प्रचार, लोगों को जोड़ने और फंड जुटाने का काम कर रहा था। फाइनेंस सेक्रेटरी लूसी रिग्बी ने कहा कि देश का फाइनेंस सिस्टम टेरर एक्टिविटीज के लिए इस्तेमाल होने नहीं देंगे। सरकार हर कदम उठाने को तैयार है ताकि आतंकी किसी भी तरह से पैसा न जुटा सकें।
रेहल पर बड़ी कार्रवाई
सरकार का कहना है कि रेहल इन ग्रुप्स के लिए भर्ती, पैसे के लेन-देन संभालने और हथियार खरीदने जैसे कामों में शामिल थे। अब ब्रिटेन में कोई भी शख्स या कंपनी रेहल से बिजनेस करेगी तो उसे 7 साल जेल या भारी जुर्माना हो सकता है।
स्पोर्ट्स कंपनी से जुड़ा था रेहल
रेहल पहले पंजाब वारियर्स नाम की स्पोर्ट्स इन्वेस्टमेंट कंपनी से जुड़े थे, जिसने इंग्लैंड के मोरेकेम्बे एफसी को खरीदा था। सरकार की कार्रवाई के बाद दोनों संगठनों ने साफ किया कि रेहल अब उनकी किसी एक्टिविटी का हिस्सा नहीं हैं और आरोप लगते ही उन्होंने दूरी बना ली।
