दुनिया भर में पंजाबियों को अपने गीत पर नचाने वाले दिलजीत दोसांझ के दिल में भी एक गहरा दर्द छुपा है। एक इंटरव्यू में दिलजीत ने भावुक होते हुए कहा कि “मैं तो मान चुका हूं कि मैं इस दुनिया से जा चुका हूं।” उनका कहना है कि हर आर्टिस्ट के दिल में बड़ा दर्द होता है।
चमकीला फिल्म के इंटरव्यू के दौरान दिलजीत का दर्द और साफ दिखा। वो इतना भावुक हुए कि बोले “इस हिस्से को कट कर दो।” दिलजीत ने कहा कि जिंदा आर्टिस्ट को लोग परेशान करते रहते हैं। उसको धमकियां मिलती हैं, उसे डराया जाता है| जैसे चमकीला के साथ हुआ। लेकिन जैसे ही आर्टिस्ट मर जाता है, लोग उसी की तारीफें करने लगते हैं।
दिलजीत का कहना है कि हर आर्टिस्ट को जिंदगी में मुश्किलें झेलनी पड़ती हैं। जब तक वो जिंदा है, लोग उसकी कदर नहीं करते। जैसे ही वो इस दुनिया से चला जाता है, तभी उसके काम की तारीफ शुरू होती है क्योंकि तब वो किसी का कॉम्पिटिटर नहीं रहता। चमकीला के साथ भी यही हुआ।
दिलजीत ने कहा कि सोसाइटी को आर्टिस्ट का काम कई बार बर्दाश्त नहीं होता। लोग तब तक तंग करते हैं जब तक वो टूट न जाए। लेकिन मरने के बाद वही लोग कहते हैं—“क्या आर्टिस्ट था!” दिलजीत कहते हैं कि मुझे किसी की परवाह नहीं है… मैं सिर्फ संगीत को प्यार करता हूं, मैं तो पहले ही जा चुका हूं।”
दिलजीत ने बताया कि वो आज जहां हैं, चमकीला पाजी की वजह से हैं। उनके लिए चमकीला सिर्फ रोल नहीं बल्कि एक भावुक रिश्ता था। ट्रेलर का एक शॉट देखकर उन्हें लगा जैसे चमकीला सामने खड़े हैं, और वो रो पड़े। दिलजीत ने बताया कि फिल्म का मर्डर सन उसी जगह शूट हुआ जहां सच में चमकीला का मर्डर हुआ था।
गोली की आवाज सुनकर उन्हें लगा कि वो खुद चमकीला बन गए हों। उंगली में चोट लगी और खून गिरा, और उस पल उन्हें चमकीला की मौत का दर्द महसूस हुआ। दिलजीत ने बताया कि दोनों लुधियाना के दुगरी में रहते थे, इसलिए जुड़ाव और ज्यादा था।
