देश की सबसे बड़ी एयरलाइन्स इंडिगो ने पिछले मंगलवार और बुधवार (2–3 दिसंबर) को करीब 500 फ्लाइट्स कैंसिल कर दीं| गुरुवार (4 दिसंबर) को भी कई फ्लाइट्स ने उड़ान नहीं भरी, जिससे एयरपोर्ट्स पर पूरा सीन काफी अफरातफरी वाला हो गया| कंपनी के मुताबिक ये कैंसिलेशन क्रू की कमी और नए एफडीटीएल रूल्स की वजह से हुए हैं, जो 1 नवंबर से लागू हैं, और इंडिगो की फ्लाइट कैपेसिटी पर बड़ा असर डाल रहे हैं|
एफडीटीएल से हुई 61% फ्लाइट्स कैंसिल
डीजीसीए की रिपोर्ट के मुताबिक, नवंबर में इंडिगो ने कुल 1,232 फ्लाइट्स कैंसिल कीं, जिनमें से 61% सिर्फ एफडीटीएल की वजह से थीं| इन रूल्स का मकसद पायलट की थकान कम करना और सेफ्टी बढ़ाना है| नए नियम आने के बाद एयरलाइन्स को अपने ड्यूटी शेड्यूल और नाइट लैंडिंग प्लान फिर से सेट करने पड़े| एक्सपर्ट्स का मानना हैं कि इंडिगो अपना विंटर शेड्यूल ठीक से प्लान नहीं कर पाई|
दूसरी एयरलाइन्स की क्या स्थिति है?
इंडिगो की तुलना में एयर इंडिया और एयर इंडिया एक्सप्रेस बेहतर स्थिति में हैं| उन्होंने विंटर शेड्यूल में 3% फ्लाइट्स कम की हैं, जिससे उनके पास पायलट की उपलब्धता ठीक है| स्पाइसजेट ने 26% फ्लाइट बढ़ाई हैं, लेकिन आधी फ्लीट वेट-लीज पर होने से एफडीटीएल का असर कम हुआ| इसी तरह आकासा एयर ने लगातार पायलट हायर किए, जिससे वो इस टाइम पर बेहतर मैनेज कर पाई|
इंडिगो की तैयारी रह गई अधूरी
डीजीसीए के अनुसार, इंडिगो ने इस विंटर में अपनी फ्लाइट्स 6% बढ़ा दीं, पर नए एफडीटीएल रूल्स के बाद ये फैसला उल्टा पड़ गया| एक्सपर्ट्स का कहना है कि इंडिगो सबसे ज्यादा नाइट फ्लाइट्स ऑपरेट करता है,और कम पायलट्स के साथ ज्यादा ड्यूटी निकालने की पॉलिसी अपनाता है| नए रेस्ट टाइम और नाइट फ्लाइंग लिमिट्स की वजह से पायलट की कमी साफ दिखाई देने लगी है|
