बुड्ढा दरिया में प्रदूषण को लेकर उठ रहे सवालों के बीच बुधवार को लुधियाना की डाइंग इंडस्ट्री के प्रमुख कारोबारी एकजुट होकर मौके पर पहुंचे और उन्होंने दरिया के पानी का लाइव टेस्ट कर मीडिया के सामने अपनी बात रखी। कारोबारियों अशोक मक्कड़, बॉबी जिंदल, राहुल वर्मा, कमल चौहान सहित कई उद्योगपति बुड्ढा नाला पहुंचे और उन्होंने दावा किया कि दरिया का पानी उतना प्रदूषित नहीं है, जितना कुछ लोग दिखाने की कोशिश कर रहे हैं।
इस दौरान उन्होंने कांच के गिलास में बुड्ढा दरिया का पानी भरकर दिखाया कि यह पूरी तरह पारदर्शी है। बाद में उन्होंने गिलास की तली पर काली टेप लगाकर बताया कि जैसे टेप लगाने से गिलास का पानी काला दिखने लगता है, वैसे ही दरिया की सतह पर जमी काली गाद के कारण पानी ऊपर से काला दिखाई देता है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग जानबूझकर डाइंग इंडस्ट्री को बदनाम करने के लिए इस तरह की मिथ्या बातें फैला रहे हैं और ब्लैकमेलिंग का प्रयास कर रहे हैं।
कारोबारियों ने मौके पर ही बुड्ढा दरिया के पानी का टीडीएस लेवल चेक किया, जो लगभग 890 पाया गया। उन्होंने बताया कि मानकों के अनुसार पानी में 2100 टीडीएस तक स्वीकार्य है। उन्होंने यह भी दावा किया कि इंडस्ट्री द्वारा ट्रीट करके छोड़े जाने वाले पानी का BOD और COD स्तर भी पर्यावरण मानकों के भीतर है।
इस मौके पर कमल चौहान ने कहा कि लुधियाना का बुड्ढा दरिया कई अन्य नालों और दरियाओं की तुलना में अधिक साफ है। वहीं अशोक मक्कड़ ने पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (PPCB) की रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि बोर्ड की रिपोर्ट में भी बुड्ढा दरिया के पानी को मछली पालन तक के लिए उपयुक्त बताया गया है।
कारोबारियों का कहना है कि इंडस्ट्री बुड्ढा दरिया को प्रदूषण मुक्त रखने के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है और ट्रीटमेंट के बाद ही पानी को नाले में छोड़ा जा रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि इंडस्ट्री पर लगाए जा रहे बेबुनियाद आरोप सिर्फ भ्रम फैलाने और उद्योग को ब्लैकमेल करने की कोशिश हैं।
