लुधियाना/23 मई: लोकसभा चुनाव के बीच सुप्रीम कोर्ट में बूथ वाइज वोटर्स का डेटा सार्वजनिक करने के मामले पर सुनवाई हुई। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को प्रति बूथ पर पड़े कुल वोटों की जानकारी प्रकाशित करने का निर्देश देने से इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि चुनाव चल रहा है और बीच में दखल नहीं हो सकता है। इसके साथ ही इस मामले की सुनवाई गर्मी की छुट्टी के बाद के लिए टाल दी है। सुप्रीम कोर्ट ने निर्वाचन आयोग को लोकसभा चुनाव के दौरान मतदान प्रतिशत के आंकड़े उसकी वेबसाइट पर अपलोड करने के संबंध में कोई निर्देश देने से मना कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लोकसभा चुनाव को लेकर पांच चरण हो चुके हैं, दो चरण बचे हुए हैं। ऐसे में निर्वाचन आयोग के लिए वेबसाइट पर मतदान प्रतिशत के आंकड़े अपलोड करने के काम में लोगों को लगाना मुश्किल है।
सुप्रीम कोर्ट ने की याचिका खारिज
जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिट सतीश चंद्र शर्मा की अवकाशकालीन पीठ ने एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें चुनाव आयोग को लोकसभा के प्रत्येक चरण के मतदान के समापन के 48 घंटे के भीतर वेबसाइट पर मतदान केंद्र-वार आंकड़े अपलोड करने का निर्देश देने की मांग की थी।
चुनाव आयोग ने क्या कहा?
निर्वाचन आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि मतदान केंद्र-वार मतदान प्रतिशत के आंकड़े बिना सोचे-समझे जारी करने और वेबसाइट पर पोस्ट करने से लोकसभा चुनावों में व्यस्त मशीनरी में भ्रम की स्थिति पैदा हो जाएगी। आयोग ने कोर्ट में दायर हलफनामे में कहा है कि उम्मीदवार या उसके एजेंट के अलावा किसी अन्य व्यक्ति को फॉर्म 17सी प्रदान करने का कोई कानूनी अधिदेश नहीं है।
याचिका में क्या मांग की गई थी?
याचिकाकर्ता ने चुनाव आयोग को यह निर्देश देने का आग्रह किया है कि सभी मतदान केंद्रों की फॉर्म 17 सी भाग-1 (दर्ज मतदान का विवरण) की स्कैन की गई सुपाठ्य) प्रतियां मतदान के तुरंत बाद अपलोड की जानी चाहिए।
चुना आयोग को सुप्र्रीम कोर्ट से राहत,याचिकाकर्ता को सुप्रीम झटका
Palmira Nanda
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