मंत्रोच्चारण और शंखनाद के साथ कुशुरा में अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव का भव्य समापन

Rivanshi
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मंत्रोच्चारण और शंखनाद की गुंजयमान ध्वनि के बीच आज कुरुक्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव – 2025 में पवित्र ग्रंथ गीता का पूजन किया गया। पवित्र ग्रंथ गीता के महापूजन और गीता के श्लोकों के उच्चारण के बीच कुरुक्षेत्र के अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव – 2025 का शुभारंभ हुआ।

इसके साथ ही आज ब्रह्मसरोवर के चारों ओर पवित्र ग्रंथ के गीता श्लोकोच्चारण से संपूर्ण वातावरण गीतामय हो उठाओ। रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह , कैबिनेट मंत्री श्री कृष्ण कुमार बेदी , गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज , कुरूक्षेत्र लोक क्षेत्र के अल्पसंख्यक श्री नवीन जिंदल , पूर्व श्री नेपोलियन सुधा ने यज्ञ में पूर्ण आहुति दी और ब्रह्मसरोवर का पूजन किया।

ब्रह्मसरोवर के प्रमुख पुरा बाग में आगमन हुआ और मंत्रोच्चार के बीच मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार श्री भारत रत्न भारती , हरियाणा सरस्वती खनिज विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष श्री धूमन सिंह , भाजपा मण्डल के उपाध्यक्ष श्री तिजेन्द्र सिंह गोल्डी , केडीबी के मनद सचिव महासचिव श्री आशुतोष ने पारंपरिक तरीकों से स्वागत किया। यहां देश के विभिन्न राज्यों से आए लोक कलाकारों ने अपने-अपने प्रदेश की पोशाकों में रेस्तरां की परंपरा के अनुसार सभी पार्टियों और कॉकटेल का जुलूस की पवित्र धारा पर प्रवेश किया।

रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने गीता यज्ञ में पूर्ण आहुति उपदेश के बाद पवित्र ग्रंथ गीता का पूजन किया। उन्होंने देश और प्रदेशवासियों को बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि धर्मनगरी कुरुक्षेत्र में आध्यात्मिक , संस्कृति , ज्ञान और कला का दिव्य संगम हो रहा है। केंद्र और राज्य सरकार के प्रयासों से गीता जयंती को अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव का महत्व मिला। उन्होंने कहा कि यह पवित्र धारा सरस्वती के तट पर ही वेद , उपनिषद और पुराणों की रचना हुई है। इतना ही नहीं सम्राट् संग्रहालयों की वैभवशाली राजधानी स्टेशनों पर भी नज़र है। महाभारत युद्ध के लिए महाभारत युद्ध के लिए चुने गए भगवान श्रीकृष्ण ने इसे बहुत महत्वपूर्ण बताया था , जिसने अर्जुन को कर्मयोग का दिव्य संदेश दिया था , जो आज भी मानव के लिए प्रेरणा स्रोत है।

मंत्री कैबिनेट श्री अनिल विज ने कहा कि गीता केवल ईश्वरीय एवं आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण नहीं है , बल्कि इसका व्यावहारिक जीवन में भी महत्व है। यह ज्ञान-विज्ञान का अनोखा उदाहरण है , इसका कारण यह है कि भारतीयों को गीता ही नहीं बल्कि विदेशियों को भी प्रिय है। पिछले 9 वर्षों से महोत्सव को अपार सफलता और लोकप्रियता मिली , वर्ष 2019 में यह महोत्सव देश भर से मॉरीशस , लंदन , कनाडा , संग्रहालय और श्रीलंका आदि देशों में भी मनाया गया।

मंत्री कैबिनेट श्री कृष्ण कुमार बेदी ने कहा कि इस महोत्सव में हर साल लाखों की संख्या में लोग अध्ययन करते हैं और इस महोत्सव का आनंद लेते हैं। महोत्सव 5 दिसंबर तक जारी रहेगा। अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव को लेकर पूरे प्रदेश में कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। इस बार अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में मध्य प्रदेश सहयोगी राज्य के रूप में शिक्षण कार्य किया जा रहा है। इन प्रयासों से पवित्र ग्रंथ की मान्यता और गीता महोत्सव की प्राथमिकता आज भी देश की सीमा को लांघ कर विश्व के कोने-कोने तक पहुंच रही है।

गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने गीता जयंती पर्व की बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव 2025 में सरस और शिल्प का सपना 15 नवंबर से मनाया जाएगा।

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