हरियाणा खेल मॉडल वैश्विक नेतृत्व का बनेगा आधार – मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी

Rivanshi
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हरियाणा खेल विश्वविद्यालय राई में आयोजित “आधुनिक खेल प्रबंधन का भारतीय मॉडल” कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि खेल आज केवल खिलाड़ियों तक सीमित विषय नहीं रह गया, बल्कि यह एक विशाल रोजगार, नवाचार और विज्ञान-आधारित क्षेत्र बन चुका है। उन्होंने देशभर से आए शिक्षाविदों, विशेषज्ञों और खेल प्रेमियों का स्वागत करते हुए कहा कि यह कॉन्फ्रेंस आने वाली पीढ़ियों के लिए भारत के खेल क्षेत्र का एक मजबूत रोडमैप तैयार करेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत वर्ष 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है और इस लक्ष्य में खेल क्षेत्र की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। हरियाणा के खिलाड़ियों ने विश्व स्तर पर राज्य की पहचान को नई ऊंचाई दी है। ओलंपिक, एशियन गेम्स, कॉमनवेल्थ गेम्स और यूनिवर्सिटी गेम्स जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर खिलाड़ियों ने देश का परचम लहराया है।

श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि खेल प्रबंधन का भारतीयकरण केवल भारतीय प्रतीक या नाम अपनाना नहीं है, बल्कि अपने पारंपरिक खेल मूल्यों और आधुनिक वैज्ञानिक प्रबंधन को एकीकृत करना है। उन्होंने बताया कि इस भारतीयकरण का आधार चार ‘M’—Modernity, Mindset, Management और Moral Values (आधुनिकता, मानसिकता, प्रबंधन और नैतिक मूल्य) हैं। उन्होंने कहा कि आने वाला समय डेटा ड्रिवन, टेक-इनेबल्ड और साइंस सपोर्टेड स्पोर्ट्स का होगा, इसलिए भारतीय परिस्थितियों पर आधारित एक सशक्त प्रबंधन मॉडल विकसित करना अत्यावश्यक है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा सरकार ने पिछले 11 वर्षों में खेल क्षेत्र में 989 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया है, जबकि इस वित्त वर्ष के बजट में 589 करोड़ 69 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है। आज राज्य में 3 राज्य स्तरीय खेल परिसर, 21 जिला स्तरीय स्टेडियम, 163 राजीव गांधी ग्रामीण खेल परिसर, 245 ग्रामीण स्टेडियम, 382 इंडोर जिम, 10 स्विमिंग पूल, 11 सिंथेटिक एथलेटिक्स ट्रैक, 14 हॉकी एस्ट्रोटर्फ, 2 फुटबॉल सिंथेटिक सतह और 9 बहुउद्देशीय हॉल विकसित किए जा चुके हैं।

उन्होंने कहा कि हरियाणा खेल विश्वविद्यालय, कोचिंग सेंटरों और आधुनिक स्टेडियमों का जाल गांव-गांव तक पहुंचाया जा रहा है। वर्तमान में राज्य में 1,489 खेल नर्सरियां संचालित हो रही हैं, जिनमें 37,225 खिलाड़ी प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हर जिले में हाई परफॉर्मेंस सेंटर और पंचायत स्तर पर मिनी स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स स्थापित किए जाएंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पारंपरिक भारतीय खेल तकनीकों को आधुनिक खेल बाज़ार से जोड़कर भारत एक नया “इंडियन स्पोर्ट्स ब्रांड” तैयार कर सकता है, जो देश के खेल मॉडल को वैश्विक मंच पर नई पहचान देगा। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि खिलाड़ियों की प्रतिभा, वैज्ञानिक प्रशिक्षण और आधुनिक प्रबंधन के समन्वय से भारत 2026 और 2028 के ओलंपिक में पदक तालिका में उल्लेखनीय सुधार करेगा।

उन्होंने कहा कि यह कॉन्फ्रेंस भारत के खेल भविष्य को नई दिशा देने वाली है। यहां रखे गए विचार आने वाले वर्षों में भारत के खेल इतिहास में नया अध्याय जोड़ेंगे। उन्होंने सभी से प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के “विकसित भारत” के संकल्प को खेलों के माध्यम से मजबूत करने का आह्वान किया।

इस अवसर पर क्रीड़ा भारती के राष्ट्रीय संगठन मंत्री प्रसाद महानकर ने “आधुनिक खेल प्रबंधन का भारतीय मॉडल” पर आयोजित दो दिवसीय सम्मेलन के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यह सम्मेलन खेलों में नवाचार को बढ़ावा देगा और खिलाड़ियों को आगे बढ़ाने में मदद करेगा।  हरियाणा खेल विश्वविद्यालय के कुलपति व पूर्व डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि इस दो दिवसीय सेमिनार का उद्देश्य खेलों में भारतीय संस्कृति के समावेश को शामिल करना है। उन्होंने वर्ष 2022 में स्थापित खेल विश्वविद्यालय की उपलब्धियां पर भी प्रकाश डाला।

इस मौके पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री मोहन लाल कौशिक, राई से विधायक कृष्णा गहलावत, सोनीपत से विधायक निखिल मदान, विधायक पवन खरखोदा, मेयर राजीव जैन, अंतरराष्ट्रीय पहलवान योगेश्वर दत्त सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

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