पानीपत|ब्यूरो रिपोर्ट
पानीपत और सोनीपत में चार मासूम बच्चियों की हत्या कर सुर्खियों में आई पूनम मामले में पुलिस की गंभीर लापरवाही सामने आई है। पुलिस ने आरोपी को रिमांड पर लेने के बावजूद उससे गहराई से पूछताछ नहीं की और कोर्ट में यह कहकर पेश कर दिया कि सभी साक्ष्य पूरे हैं।इसी जल्दबाजी के कारण पुलिस पूनम के ‘साइको’ बनने की असली वजह तक नहीं पहुंच पाई, जबकि यह मामला शुरू से ही कई पेचीदगियों से भरा रहा है।पुलिस के अनुसार पूनम ने पहली हत्या 13 जनवरी 2023 को सोनीपत के भावड़ गांव में अपनी भांजी इशिका और बेटे शुभम की डुबोकर हत्या से शुरू की। इसके बाद 18 अगस्त 2025 को सिवाह में चचेरे भाई की बेटी जिया की हत्या कर दी। तीसरी वारदात 1 दिसंबर 2025 को नौल्था में जेठ की बेटी विधि की शादी समारोह में हुई, जहां उसने बच्ची को पानी से भरे टब में डुबोकर मौत के घाट उतार दिया।

3 दिसंबर को पुलिस अधीक्षक भूपेंद्र सिंह ने इन सभी वारदातों का खुलासा किया और पूनम को “साइको” बताते हुए कहा कि उसे सुंदर बच्चियों से चिढ़ होती थी। लेकिन इसके बावजूद पुलिस उसकी मानसिक स्थिति और अपराध के पीछे की गहरी वजह का पता नहीं लगा सकी।चौंकाने वाली बात यह है कि पुलिस ने आरोपी की मनोचिकित्सक जांच भी जरूरी नहीं समझी और सीधे कोर्ट में पेश कर दिया। पुलिस ने अदालत में दावा किया कि विधि की हत्या से जुड़े सभी सबूत मिल चुके हैं, जबकि पूछताछ अभी अधूरी थी। फिलहाल पूनम सिवाह स्थित जेल में बंद है।
संदिग्ध व्यवहार के संकेत भी सामने आए नौल्था की वारदात के बाद पूनम के कपड़े भीग गए थे। एक बच्ची को उसने कपड़े बदलने का कारण मासिक धर्म बताया, जबकि दूसरी महिला को कपड़े भीगने का हवाला दिया। उसके ये विरोधाभासी बयान उसके मानसिक हालात पर गंभीर सवाल खड़े करते हैं।इसी बीच पति के नए खुलासे ने मामले में और पेंच बढ़ा दिए हैं, जिससे पुलिस की प्रारंभिक जांच और निर्णयों पर नए सिरे से सवाल उठ रहे हैं।
