मुद्दे की बात : भारत में बढ़ता कोरोना, महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा 5 मौत

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माहिर हालांकि कोरोना के नए वैरिएंट नहीं मान रहे पहले जैसे घातक

एक बार फिर देश में कोरोना वायरस ने दस्तक दी है, अब तक कुल मामले एक हजार से ज्यादा हो गए हैं। सबसे ज्यादा 430 एक्टिव केस केरल में हैं। जबकि महाराष्ट्र में 208, दिल्ली में 104 और गुजरात में 83 केस हैं। कर्नाटक के 80 में से अकेले 73 केस बेंगलुरु में हैं।

चिंताजनक पहलू है कि महाराष्ट्र, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक और मध्य प्रदेश में कुल 11 मरीजों की मौत हो चुकी है। इनमें से नौ की मौत एक हफ्ते के भीतर हुई। कोरोना से सबसे ज्यादा पांच मौतें महाराष्ट्र में हुई हैं। ठाणे में सोमवार को एक महिला की मौत हुई थी। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के मुताबिक पिछले एक हफ्ते में 787 नए मरीज दर्ज किए गए। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के डायरेक्टर डॉ. राजीव बहल के मुताबिक अभी तक देश में 4 वैरिएंट मिले हैं। इनमें एलएफ.7, एक्सएफजी, जेएन.1 और एनबी.1.8.1 वैरिएंट शामिल हैं। जयपुर में सोमवार को कोरोना के दो मरीजों की मौत हुई थी। इनमें से एक रेलवे स्टेशन पर मृत मिला था। उसकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। दूसरी मौत प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती 26 साल के युवक की हुई।

वहीं, महाराष्ट्र के ठाणे में एक कोरोना पॉजिटिव महिला की इलाज के दौरान मौत हो गई। ठाणे में ही रविवार को अस्पताल में इलाज करा रहे 21 साल के युवक की मौत हो गई। इससे पहले 17 मई को कर्नाटक के बेंगलुरु में 84 साल के बुजुर्ग की मौत हुई थी। स्वास्थ्य विभाग ने बताया था कि बुजुर्ग की मौत मल्टी ऑर्गन फेल्योर की वजह से हुई थी। केरल में दो लोगों की कोविड से मौत हुई है। बाकी जगहों से नमूने लेकर सीक्वेंसिंग की जा रही है, ताकि नए वैरिएंट की जांच की जा सके। मामले बहुत गंभीर नहीं हैं और लोगों को चिंता नहीं करनी चाहिए, बस सतर्क रहना चाहिए। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने भी इन्हें चिंताजनक नहीं माना है। हालांकि, निगरानी में रखे गए वैरिएंट के रूप में कैटेगराइज किया है। चीन सहित एशिया के दूसरे देशों में कोविड के बढ़ते मामलों में यही वैरिएंट दिख रहा है। भारत में कोविड का जेएन.1 वैरिएंट सबसे आम है। टेस्टिंग में आधे से ज्यादा सैंपल में यह वैरिएंट मिलता है। इसके बाद बीएम.2 (26 प्रतिशत) और ओमिक्रॉन सबलाइनेज (20 प्रतिशत) वैरिएंट के मामले भी मिलते हैं।

इसे लेकर मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जेएन.1, ओमिक्रॉन के बीए 2.86 का एक स्ट्रेन है। इसे अगस्त 2023 में पहली बार देखा गया था। दिसंबर 2023 में डब्ल्यूएचओ ने इसे ‘वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट’ घोषित किया। इसमें करीब 30 म्यूटेशन्स हैं, जो इम्यूनिटी कमजोर करते हैं। अमेरिका के जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के अनुसार जेएन.1 अन्य वैरिएंट की तुलना में ज्यादा आसानी से फैलता है, लेकिन यह बहुत गंभीर नहीं है। दुनिया के कई हिस्सों में यह सबसे आम वैरिएंट बना हुआ है। इसके लक्षण कुछ दिनों से लेकर हफ्तों तक रह सकते हैं। अगर आपके लक्षण लंबे समय तक बने रहते हैं, तो हो सकता है कि आपको लंबे समय तक रहने वाला कोविड हो। यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें कोविड-19 के कुछ लक्षण ठीक होने के बाद भी बने रहते हैं।

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