जीरकपुर 05 दिसंबर :
नगर परिषद की इंफोर्समेंट टीम शहर को एन्क्रोचमेंट फ्री बनाने के अभियान को लगातार अंजाम दे रही है, लेकिन इसका असर कुछ घंटों से ज्यादा टिक नहीं पा रहा। सुबह सख्ती दिखाते हुए सड़कें खाली करवाने का सिलसिला रोज चलता है, वहीं शाम तक दोबारा वही रेहड़ी-फड़ी और अवैध कब्जे अपनी जगह पर लौट आते हैं। इस वजह से अभियान अब लोगों के बीच मज़ाक और रोज़मर्रा का “रीपीट शो” बनता जा रहा है।
इंफोर्समेंट विंग की टीम सुबह सायरन बजाती गाड़ियों के साथ निकलती है, कर्मचारी डंडे हाथ में लिए सड़कें साफ करवाते हैं और नगर परिषद सोशल मीडिया पर कार्रवाई के वीडियो अपलोड कर इसे बड़ी उपलब्धि बताती है। लेकिन जैसे ही शाम ढलती है, हटाए गए अधिकांश रेहड़ी-फड़ी वाले फिर उसी स्थान पर आ जाते हैं।
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि यह अभियान प्रभावी तभी होगा जब नगर परिषद रेहड़ी-फड़ी वालों के लिए स्थायी स्थान तय करे। एक दुकानदार ने कहा, इंफोर्समेंट विंग के कर्मचारी
“सुबह हटाते हुए देखते हैं और शाम को दोबारा लगते हुए। ऐसा रीसाइक्लिंग सिस्टम तो कचरे में भी नहीं होता जितना एन्क्रोचमेंट में होता है।”
स्ट्रीट वेंडर पॉलिसी के अनुसार नगर परिषद को वेंडिंग जोन बनाने और रेहड़ी वालों को व्यवस्थित ढंग से जगह देने की जिम्मेदारी है, लेकिन वर्षों से यह फाइल मंज़िल तक नहीं पहुंच पाई। इसी कारण रोजाना लाखों रुपए की सरकारी गाड़ियों, स्टाफ और ड्यूटी में खर्च होने के बावजूद शहर में जमीनी बदलाव नहीं दिख रहा।
एक राहगीर ने तंज कसते हुए कहा,
“कुछ लोग फोन में गाने डाउनलोड नहीं करते। सुबह-सुबह एन्क्रोचमेंट हटाओ अभियान का लाइव शो देखकर ही दिन की शुरुआत कर लेते हैं।”
नागरिकों का कहना है कि नगर परिषद के वीडियो और सोशल मीडिया पोस्ट में एक्शन तो बहुत दिखता है, लेकिन जमीनी हालात 12 घंटे में फिर पहले जैसे हो जाते हैं। कई लोगों ने इसे ‘एन्क्रोचमेंट रियलिटी शो – सीजन 5’ तक कहना शुरू कर दिया है, क्योंकि पिछले कई वर्षों से यह कार्रवाई चल रही है, पर ना कोई क्लाइमैक्स आता है और ना स्थायी समाधान।
शहरवासियों का मानना है कि जब तक नगर परिषद योजना बनाकर वेंडिंग जोन नहीं बनाती और हटाने के साथ-साथ व्यवस्थित पुनर्वास नहीं करती, तब तक अभियान केवल दिखावा ही रहेगा।
नगर परिषद अधिकारियों का कहना है कि लगातार कार्रवाई जारी है और जल्द ही वेंडिंग पॉलिसी के तहत व्यवस्थित प्लान तैयार किया जाएगा, ताकि दोबारा एन्क्रोचमेंट न हो सके।
बॉक्स
कार्रवाई क्यों नहीं हो रही प्रभावी?
स्ट्रीट वेंडर पॉलिसी अभी तक लागू नहीं
वेंडरों के लिए निर्धारित स्थान नहीं तय
हटाने के बाद मॉनिटरिंग नहीं
नगर परिषद पर बढ़ता खर्च, परिणाम नगण्य
सोशल मीडिया पोस्ट पर जोर, जमीनी कार्रवाई कमजोर
