चंडीगढ़ में बीते दिनों श्री राम उत्सव कमेटी और बग्गा परिवार की ओर से आयोजित 16वां श्री राम सम्मान समारोह ने धर्म, संस्कृति और कला के क्षेत्र में नई मिसाल कायम की। कार्यक्रम का आयोजन टैगोर थियेटर, सेक्टर 18 में बड़े धूमधाम से किया गया, जिसमें रामायण के प्रमुख दृश्यों को लाइट एंड साउंड शो के माध्यम से अत्यंत आकर्षक और जीवंत रूप में प्रस्तुत किया गया।
मुख्य अतिथि दीपक गर्ग ने प्रस्तुत किए विशेष पुरस्कार
समारोह में मुख्य अतिथि दीपक गर्ग जी ने लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड प्रदान किया। इसके साथ ही रामायण के पात्रों कैकेई और भरत के कलाकारों को उनके विशेष वेश-भूषा में सम्मानित किया गया। कलाकारों की प्रस्तुति ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया और कार्यक्रम की शोभा को कई गुना बढ़ा दिया।
धार्मिक संस्थाओं और कलाकारों को किया गया सम्मानित
इस भव्य अवसर पर कुल 10 धार्मिक संस्थाओं को उनके सतत योगदान और समाज में धर्म एवं संस्कृति के प्रचार-प्रसार के लिए सम्मानित किया गया। पंजाब, हरियाणा, हिमाचल और दिल्ली के कलाकारों को भी उनकी उपलब्धियों के लिए पुरस्कार प्रदान किए गए। साथ ही 25 कीर्तन मंडलों को उनके निस्वार्थ भाव से कीर्तन करने और भक्तिमय वातावरण बनाने के लिए सम्मानित किया गया।
65 सालों से बग्गा परिवार का सनातन धर्म में योगदान
बग्गा परिवार पिछले 65 वर्षों से सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार में सक्रिय है। चाहे वह गौरब बग्गा हों या राजिंदर बग्गा, परिवार ने 1961 से इस पवित्र यात्रा की शुरुआत की और आज तक इसे लगातार जारी रखा है। बग्गा परिवार की यह उपलब्धि लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज है और उन्हें स्टेट अवार्ड भी मिल चुका है।
दर्शकों और कलाकारों ने जताई प्रसन्नता
समारोह में उपस्थित दर्शक और कलाकार आयोजन से अत्यंत प्रभावित दिखे। उन्होंने इसे सनातन धर्म के प्रचार और संस्कृति के संवर्धन में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। इस अवसर ने न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को जीवंत किया बल्कि समाज में नैतिक और आध्यात्मिक मूल्यों को भी सशक्त करने का संदेश दिया।
विशेष आकर्षण: लाइट एंड साउंड शो में रामायण के प्रमुख दृश्य, 40 कलाकारों द्वारा प्रस्तुत कैकेई और भरत के दृश्य, 25 कीर्तन मंडलों का भक्तिमय प्रदर्शन, और 10 धार्मिक संस्थाओं का सम्मान समारोह की मुख्य झलक रहे।
इस आयोजन ने साबित कर दिया कि बग्गा परिवार और जय श्री राम उत्सव कमेटी के प्रयासों से संस्कृति और धर्म का प्रचार-प्रसार नए आयाम हासिल कर रहा है और आने वाले वर्षों में ऐसे कार्यक्रम युवाओं में धार्मिक एवं सांस्कृतिक चेतना जगाने में अहम भूमिका निभाएंगे।
