पंजाब/यूटर्न/1 अगस्त: पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने ढिल्लवां प्राथमिक चिकित्सा केंद्र में तैनात अधिकारियों और कर्मचारियों के वेतन वितरण घोटाले की जांच के बाद आरोपी रिटायर्ड एसएमओ डा. लखविंदर सिंह चहल और कर्लक ढिल्लवां के सीनियर सहायक रणजीत सिंह को गिरफतार कर लिया गया है। जानकारी देते हुए विजिलेंस ब्यूरो के प्रवक्ता ने बताया कि विजिलेंस टीम ने जांच के दौरान पाया कि वेतन वितरण मामले में एक आरोपी क्लर्क राजविंदर सिंह पहले भी सब-डिविजनल अस्पताल, बाबा बकाला, जिला अमृतसर में वेतन धोखाधड़ी के मामले में शामिल था। इस संबंध में उसके खिलाफ वर्ष 2013 में विजिलेंस ब्यूरो पुलिस स्टेशन, अमृतसर रेंज में मामला दर्ज किया गया। उन्होंने बताया कि इसके बाद निदेशक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण पंजाब ने वर्ष 2016 में इस आरोपी क्लर्क को ढिल्लवां में स्थानांतरित कर दिया था। डॉ. लखविंदर सिंह चाहल एसएमओ ढिल्लवां ने उपरोक्त आरोपी के खिलाफ वेतन धोखाधड़ी से संबंधित मामला दर्ज होने की जानकारी होने के बावजूद अपने मौखिक आदेशों एक अन्य कर्मचारी रणजीत सिंह, बिल क्लर्क के साथ वेतन खातों को बनाए रखने के लिए सहायक के रूप में तैनात किया था।
उन्होंने आगे बताया कि जांच के दौरान आरोपी राजविंदर सिंह क्लर्क के विभिन्न बैंकों से प्राप्त स्टेटमेंट से यह साबित हुआ है कि आरोपी ने लंबी छुट्टी पर गए कर्मचारियों के जाली वेतन और महंगाई भत्ते के बिल तैयार किए थे। जिन पर उपरोक्त आरोपी रणजीत सिंह द्वारा प्रतिहस्ताक्षर किए गए थे और एसएमओ डॉ. चाहल द्वारा अनुमोदित किए गए थे। राजविंदर सिंह क्लर्क ने खजाना कार्यालय भुलत्थ से बिल पास करवाकर अपने निजी बैंक खातों में कुल 14,46,550 रुपये निकालकर गबन किया । इस संबंध में विजीलेंस ब्यूरो ने तीनों आरोपियों डॉ. चाहल, रंजीत सिंह और राजविंदर सिंह के विरुद्ध धारा 409, 467, 468, 471, 201, 120-बी आईपीसी और 13(1)ए सहपठित 13(2) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत विजीलेंस ब्यूरो पुलिस जालंधर रेंज में मामला दर्ज किया है। इस मामले में आगे की जांच जारी है।
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