लुधियाना 04 April : गुरु अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंसेज यूनिवर्सिटी, लुधियाना की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई ने छात्रों के बीच डिजिटल साक्षरता बढ़ाने और वर्तमान शिक्षा ढांचे में इसकी गहरी समझ को पहचानने के लिए व्याख्यान की एक श्रृंखला का आयोजन किया।इस अभियान के तहत जे-पाल साउथ एशिया ऑर्गेनाइजेशन के सहयोग से एक अध्ययन किया गया जिसमें विश्वविद्यालय परिसर में स्थापित चार कॉलेजों और बीवीएससी के छात्रों ने भाग लिया। यह जानकारी डाॅ. निधि शर्मा, सहायक निदेशक प्रकाशन और एनएसएस समन्वयक ने दी और बताया कि इस उद्देश्य के लिए लगभग 100 छात्रों ने भाग लिया। इसके तहत अपने- अपने कॉलेजों के अनुभवों को अध्ययन का आधार बनाया गया।पीएयू की सहायक निदेशक प्रकाशन सुश्री गुलनीत चहल ने अतिथि वक्ता के रूप में विभिन्न विषयों पर व्याख्यान दिया। इन वार्ताओं के माध्यम से डिजिटल गतिविधियों में स्क्रीन पर अधिक समय बिताना, इसके नकारात्मक प्रभाव, इसकी जटिलताओं में उलझना और इन समस्याओं को हल करने के लिए अपनी इच्छाशक्ति को मजबूत करना जैसे विषयों पर चर्चा की गई। चर्चा में इस बात पर ज़ोर दिया गया कि स्क्रीन टाइम कम करना बहुत ज़रूरी है और डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म का उचित और संयमित उपयोग ही फायदेमंद है।डॉ जतिंदर पाल सिंह गिल, छात्र कल्याण निदेशक ने सफलतापूर्वक अध्ययन आयोजित करने के लिए राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई और आयोजकों को बधाई दी।डॉ सैयद एस हसन, कॉलेज ऑफ फिशरीज के एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी ने कहा कि डिजिटल साक्षरता कार्यक्रम छात्रों के लिए बहुत फायदेमंद है और छात्रों को सोशल मीडिया के
अंधाधुंध उपयोग से दूर रहने और शारीरिक और मानसिक तनाव से बचने के लिए इस तरह के अध्ययन से लाभ होगा।