लुधियाना स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट अफसरों के लिए बने खजाना, ट्रांसफर के बावजूद स्टेशन छोड़ने को तैयार नहीं अधिकारी

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लुधियाना 28 सितंबर। लुधियाना स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट नगर निगम अफसरों के लिए एक तरह का खजाना बन चुका है। जिसके चलते जिस भी छोटे से लेकर बड़े अधिकारी को इस प्रोजेक्ट में शामिल किया जाता है, बाद में वे इसे छोड़ने के लिए तैयार ही नहीं होता। लेकिन जब स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट्स की जिम्मेदारी दी जाती है, तो जमकर घोटाले किए जाते हैं। जहां पहले एसई संजय कंवर के इन प्रोजेक्ट्स को लेकर कारनामे सुनने को मिले थे। जिसके बाद एसडीओ मनिंदर सिंह की ट्रांसफर होने के बावजूद वे इन आदेशों को मानने के लिए तैयार नहीं है। वहीं अब संजय कंवर की जगह एसई तैनात किए गए राहुल गगनेजा की भी ट्रांसफर पठानकोट हो चुकी है। लेकिन अभी तक उनकी तरफ से अभी तक अपना स्टेशन नहीं छोड़ा गया है। चर्चाएं है कि राहुल गगनेजा के पास ही स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट का चार्ज है। इसी वजह से वह इस प्रोजेक्ट्स को किसी भी हालत में हाथ से जाने नहीं देना चाहते। चर्चाएं है कि एसई गगनेजा द्वारा अपनी ट्रांसफर रुकवाने के लिए भी पूरा जोर लगाया जा रहा है। जिसे देख लगता है कि लुधियाना के उच्च अधिकारियों की ही सिर्फ ऊपर तक पहुंच नहीं है, बल्कि बाकी अधिकारी भी अपनी ऊपर तक सेटिंग रखने का दम रखते हैं।

12 दिन बाद भी जोन-डी में ही सेवाएं दे रहे एसई गगनेजा
जानकारी के अनुसार पंजाब सरकार के लोकल बाडीज महकमे की और से 16 सितंबर को कई अफसरों के तबादले किए थे। जिसकी बकायदा लिस्ट भी जारी की गई थी। जिसमें एसई राहुल गगनेजा का तबादला लुधियाना से पठानकोट कर दिया गया था। लेकिन हैरानी की बात तो यह है कि 12 दिन बीतने के बाद भी एसई स्टेशन छोड़ने को तैयार नहीं है। इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि एक बार जो अधिकारी लुधियाना में आ जाए, फिर वे वापिस कम ही जाते हैं।

16 करोड़ का काम 85 करोड़ में कराने वाले अधिकारी हैं गगनेजा
बता दें कि लुधियाना में इंडौर स्टेडियम बनाया जाना था। उक्त काम का टेंडर भी अधिकारी राहुल गगनेजा द्वारा अलॉट किया गया था। पहले तो यह टेंडर 16 करोड़ का था। लेकिन जब काम खत्म हुआ तो यह 85 करोड़ का बन गया। हालांकि राहुल गगनेजा के शहर के विपक्षी पार्टियों के कई लीडरों के साथ रिश्ते भी किसी से छिपे नहीं है।

एसडीओ की जोन-बी में हो चुकी ट्रांसफर
जानकारी के अनुसार एसडीओ मनिंदर सिंह पहले जोन-डी में तैनात थे। उनकी स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट्स में भी ड्यूटी लगाई गई थी। लेकिन उनका तबादला करीब एक महीने पहले जोन-डी से जोन-बी में हो चुका है। लेकिन वह भी जोन-डी ऑफिस छोड़ने को तैयार नहीं है। इसके लिए जोन-बी के एसई प्रवीन सिंगला द्वारा कई बार एसडीओ को अपना चार्ज लेने के लिए कई बार कहा जा चुका है। लेकिन वे सीनियर अधिकारियों की बात भी मानने को तैयार नहीं है। चर्चा तो यह भी है कि इसी बात को लेकर एसई और एसडीओ में बहस तक हो चुकी है।