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डवेलपर्स को झांसे दे प्री लांच कराते है प्रोजेक्ट, कस्टमर को लालच दे इकट्‌ठा करते है पैसा, कमिशन लेकर हो जाते हैं साइड

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साउथ सिटी रोड व फिरोजपुर रोड पर “गैंग्स ऑफ प्रॉपर्टी डीलर्स” एक्टिव

लुधियाना 9 सितंबर। लुधियाना में हालात ऐसे हो चुके हैं कि पैसा कमाने के चक्कर में लोग किसी भी हद तक जाने को तैयार है। यह हालात खास तौर पर रियल एस्टेट सेक्टर में देखने को मिल रहे हैं। जहां प्रॉपर्टी डीलर्स द्वारा पहले तो डवेल्पर्स के साथ मिलकर मार्केट से प्रोजेक्ट्स के नाम पर करोड़ों रुपए इकट्‌ठे किए जाते हैं। फिर डलेवपर व खरीददार को बीच में ही फंसाकर अपनी कमिशन लेकर खुद साइड़ हो जाते हैं। जबकि पंजाब सरकार व संबंधित विभागों के अधिकारी इसे देखकर भी अनदेखा कर रहे हैं। दरअसल, लुधियाना में गैंग्स ऑफ प्रॉपर्टी डीलर्स बना चुके हैं। कुछ प्रॉपर्टी डीलरों के इन गैंग की और से साउथ सिटी रोड व फिरोजपुर रोड पर लांच होने वाले प्रोजेक्ट्स की आढ़ में मोटी कमाई की जा रही है। जिनकी और से झांसे में लेकर डवेलपर्स को तो ठगा ही जा रही है, जबकि प्रॉपर्टियां खरीदने वाले खरीददारों से भी बड़ी ठगी की जा रही है। दरअसल, इन डीलरों द्वारा कभी पूरे न होने वाले प्रोजेक्ट्स में लोगों का पैसा इन्वेस्ट करवाया जा रहा है। जिस कारण लोग अपने करोड़ों रुपए इसमें फंसा चुके हैं। लेकिन ग्लाडा के अधिकारी सिर्फ लोगों से ठगी होते हुए देखने के अलावा और कुछ नहीं कर पा रहे। शहर के फिरोजपुर रोड पर हलवारा एयरपोर्ट और साउथ सिटी रोड पर साउदर्न बाइपास के कारण इन दोनों सड़कों पर सबसे ज्यादा प्रोजेक्ट लांच हो रहे हैं। जबकि इन्हीं दो स्थानों पर सबसे ज्यादा ठगी की जा रही है।

डीलर ऐसे करते है डवेलपर्स के साथ ठगी
जानकारी के अनुसार साउथ सिटी रोड व फिरोजपुर रोड पर अगर कोई डवेलपर अपना प्रोजेक्ट लांच करता है तो उक्त प्रॉपर्टी डीलरों के गैंग उसके पास पहुंच जाते हैं। जिसके बाद प्रोजेक्ट मालिक डवेलपर को कहा जाता है कि आर 10-15 प्रतिशत टोकन मनी देकर जमीन लो, बाकी की पेमेंट वह उनका माल बेचकर बाहर से इकट्‌ठा करवा देंगे। डीलरों द्वारा बिना रेरा नंबर और बिना सरकारी नियम पूरे किए प्रोजक्ट मालिक को अपनी बातों में फंसाकर प्रोजेक्ट मार्केट में लाया जाता है।
कस्टमर को भी लालच देकर फंसाते है जाल में
प्रोजेक्ट प्री लांच कराने के बाद डीलरों के गैंग द्वारा कस्टमर को बड़े बड़े सपने दिखाए जाते हैं। जिसके बाद कस्टमर को लाखों रुपए लगाकर छह महीने बाद मुंह मिट्‌ठा कराने यानि कि ज्यादा पैसे वापिस करने का लालच दिया जाता है। इस तरह करके लोगों के पैसे प्रोजेक्ट में लगवा दिए जाते हैं। वही पेमेंट डवेलपर को टोकन मनी के रूप में देकर प्लॉटों की बुकिंग कर ली जाती है। जिसके बाद अपनी 20 प्रतिशत कमिशन डवेलपर से लेकर खुद साइड़ पर हो जाते हैं। इसी के साथ विदेशी ट्रिप समेत कई तरह की फरमाइशें भी पूरी करवाई जाती है।

करीब 100 प्रोजेक्ट बीच में ही लटके
जानकारी के अनुसार प्रॉपर्टी डीलरों द्वारा अपनी कमिशन व विदेशी ट्रिप लेकर अपनी जेब तो गर्म कर ली जाती है। लेकिन डवेलपर और कस्टमर बीच में फंसे रह जाते हैं। क्योंकि डवेलपर द्वारा पहले ही 15-20 प्रतिशत टोकन मनी देकर जमीनी खरीदी जाती है और डीलरों की बातों पर भरोसा कर मार्केट से पैसा आने के बाद जमीन की रजिस्ट्री कराने और प्रोजेक्ट आगे बढ़ाने की बात सोची जाती है। लेकिन डीलरों द्वारा मार्केट से सिर्फ टोकन मनी इकट्‌ठी की जाती है। जिस कारण डवेलपर के साथ जमीन खरीदने के लिए भी 100 प्रतिशत रकम इकट्‌ठा नहीं हो पाती। जिस कारण न तो रजिस्ट्री होती है और न ही रेरा नंबर लग पाता है। डीलरों के गैंग के इसी शातिर तरीके के करीब साउथ सिटी व फिरोजपुर रोड पर करीब 100 प्रोजेक्ट बीच में ही लटक रहे हैं।

कई प्रोजेक्ट 2 से 3 बार बिक चुके
रियल एस्टेट की नामी कंपनियां भी डीलरों के इन गैंग का शिकार हो चुकी है। नामी कंपनियों द्वारा पिछले तीन साल से प्रोजेक्ट लांच करने के लिए पैसे इकट्‌ठे करने की कोशिश की जा रही है, लेकिन उनसे पूरी पेमेंट ही नहीं इकट्‌ठी हो पा रही। इसी कारण पिछले तीन साल में कई प्रोजेक्ट ऐसे है जो 2 से 3 बार आगे बिक चुके हैं। लेकिन आज तक वह पूरे तरीके से लांच ही नहीं हो सके।

ग्लाडा की हिस्सेदारी होने की चर्चाएं
वहीं शहरवासियों में चर्चा है कि शायद ग्लाडा भी इस ठगी में शामिल है। इसी के चलते दर्जनों प्रोजेक्ट प्री लांच होने के बाद बीच में रुक गए, लेकिन आज तक ग्लाडा ने एक भी मामले में एक्शन नहीं लिया। जबकि इन प्रोजेक्ट्स की शहर में जमकर एड भी की जाती है। लेकिन फिर भी ग्लाडा को इसका पता नहीं चल पाता। वहीं लोगों में यह भी चर्चा है कि ग्लाडा अधिकारियों को सब कुछ पता होता है, लेकिन वह फिर भी आंखें बंद करके लोगों के साथ हो रही ठगी को देखते रहते हैं, जबकि उन्हें उनका हिस्सा पहुंचता रहता है।

इन प्रोजेक्ट्स के कारण कमिशन 2 से 20 प्रतिशत हुई
पहले डीलरों की कोई भी प्रॉपर्टी बेचने पर कमिशन 2 प्रतिशत तक सीमित थी। लेकिन इन अवैध प्रोजेक्ट्स के कारण डीलरों के गैंग द्वारा अपनी कमिशन भी 20 प्रतिशत व साथ में ट्रिप कर ली है। यह भी चर्चा है कि शहर की कई नामी कंपनियों भी इस ठगी में शामिल है। लोगों में चर्चा है कि अगर यही हालात रहे तो आने वाले छह महीने में साउथ सिटी व फिरोजपुर रोड पर प्रॉपर्टी के सबसे ज्यादा झगड़े होने शुरु हो जाएंगे।

ग्लाडा के उच्च अधिकारी बेखबर
वहीं ग्लाडा के सीए संदीपन ऋषि शायद इतने व्यस्थ है या उन्हें जानकारी नहीं मिल पाती कि अ‌वैध प्रोजेक्ट्स के नाम पर लोगों से करोड़ों की ठगी की जा रही है। वहीं यह भी बात है कि शायद ग्लाडा के नीचे सत्र के अधिकारियों द्वारा उन्हें मिस गाइड किया जा रहा है। यहां यह भी बता दें कि गुड़गांव में बड़ी कंपनियों द्वारा करोड़ों की ठगी मारने के बाद सरकार द्वारा रेरा नंबर लेने का नियम बनाया गया था। लेकिन ठगों द्वारा ठगी के ऐसे नए नए तरीके अपनाए जाते है कि प्रोजेक्ट पर बिना रेरा नंबर लगे भी पेमेंट मार्केट से इकट्‌ठी कर ली जा रही है। लोगों में चर्चा है कि शायद सरकार ही अपने नियम पूरी तरह से लागू करने में असमर्थ है।

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