नई दिल्ली/24 अप्रैल।
मेयर चुनाव के लिए भारत निर्वाचन आयोग की तरफ से अभी तक अनुमति नहीं मिली है। वहीं, एलजी कार्यालय से पीठासीन अधिकारी भी नामित नहीं किया गया है। इससे निगम मुख्यालय सिविक सेंटर में 26 अप्रैल को होने वाले चुनाव के टलने की सुगबुगाहट है, लेकिन जब तक निगम की ओर से आधिकारिक रूप से घोषणा नहीं की जाती, तब तक इस पर कुछ नहीं कहा जा सकता।
मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव 26 अप्रैल को सुबह 11 बजे कराने के लिए मंगलवार को निगम सचिव कार्यालय ने इससे जुड़ा एजेंडा सभी निगम सदस्यों को सार्वजनिक रूप से भेज दिया है, लेकिन एजेंडे पर साफ तौर पर लिखा है कि चुनाव होगा या नहीं ये चुनाव आयोग की तरफ से अनुमति मिलने और पीठासीन अधिकारी नामित होने के बाद ही तय हो पाएगा। निगम सदन की बैठक के 72 घंटे पहले एजेंडा भेजना होता है, इसलिए निगम की ओर से कानूनी औपचारिकताएं पूरी की गई हैं।
विधानसभा अध्यक्ष ने नामित किए 14 विधायकों के नाम
एक तरफ मेयर चुनाव होने पर संशय है, तो दूसरी तरफ वित्तीय वर्ष 2023-24 में निगम का प्रतिनिधित्व करने के लिए दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष की ओर से 14 विधायकों के नाम नामित कर दिए गए हैं। दिल्ली विधानसभा सचिवालय से इसकी सूची जारी की गई है। विश्वास नगर से भाजपा विधायक ओम प्रकाश शर्मा के अलावा आप पार्टी के 13 विधायक धनवती चंदेला, अजय दत्त, अजेश यादव, वंदना कुमारी, दिलीप कुमार पाण्डेय, हाजी यूनुस, पवन शर्मा, प्रवीण कुमार, प्रीति जितेन्द्र तोमर, शरद कुमार चौहान, शिव चरण गोयल, सोम दत्त और विशेष रवि के नाम इसमें शामिल हैं। ये सभी मेयर चुनाव में हिस्सा लेंगे।
सीएस ने दिल्ली सरकार को किया बाइपास : भारद्वाज
मंत्री सौरभ भारद्वाज ने मेयर चुनाव के लिए पीठासीन अधिकारी नामित करने से जुड़े मामले में दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार की कार्यशैली पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा है कि सीएस ने पीठासीन अधिकारी नामित करने से संबंधित फाइल चुनी हुई दिल्ली सरकार को बाइपास करते हुए सीधे एलजी कार्यालय को भेजी। सीएस ने इससे पहले भी कई बार दिल्ली सरकार को बाइपास कर सीधे एलजी कार्यालय को फाइल भेजी है। उन्होंने कहा है कि निगम मेयर के चुनाव कराने के लिए पहले के मेयर को पीठासीन अधिकारी नामित किया जाता रहा है। इससे संबंधित फाइल हमेशा दिल्ली सरकार के हस्ताक्षर के बाद एलजी कार्यालय को भेजी जाती है, लेकिन सीएस ने ऐसा नहीं किया।
लोकसभा चुनाव के कारण मंजूरी जरूरी: मेयर
मेयर डॉ शैली ओबरॉय का कहना है कि हम भारत निर्वाचन आयोग की अनुमति और एलजी कार्यालय की ओर से पीठासीन अधिकारी नामित करने का इंतजार कर रहे हैं। 26 अप्रैल को मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव होना है। इसकी सूचना जारी की गई है, लेकिन इस बार लोकसभा चुनाव हैं इसलिए निर्वाचन आयोग की मंजूरी जरूरी है। बुधवार तक हम इंतजार करेंगे और इसके बाद निगम सचिव के माध्यम से एलजी कार्यालय को एक नोट भेजेंगे। डीएमसी एक्ट के मुताबिक जो भी उचित होगा किया जाएगा।
अनुमति के बाद ही घोषणा करनी चाहिए थी : भाजपा
दिल्ली भाजपा प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर का कहना है कि मेयर चुनाव पर वर्तमान मेयर का वक्तव्य हास्यास्पद है। देश के आम चुनाव के बीच निगम में मेयर का चुनाव करवाने के लिए आम आदमी पार्टी शासित निगम को निर्वाचन आयोग से अनुमति पाने के बाद ही चुनाव की घोषणा करनी चाहिए थी। यह आप पार्टी की अपरिपक्वता का प्रमाण है।
मेयर चुनाव पर लटकी तलवार, चुनाव आयोग से अनुमति का इंतजार; सिविक सेंटर में गर्म है अटकलों का बाजार
Palmira Nanda
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