नई दिल्ली/25 अप्रैल।
इसे प्रशासनिक अनदेखी कहें या कुछ और… 10 साल में दिल्ली सरकार के पास लंबित फाइलों का आंकड़ा तीन हजार पार कर गया है। मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री कार्यालय के साथ- साथ ही हर मंत्री के कार्यालय में भी लंबित फाइलों का अंबार लगा है।
इन फाइलों में विभिन्न निकायों के पुनर्गठन, कई अहम नियुक्तियों, महत्वपूर्ण प्रस्तावों एवं विधेयकों के अलावा और भी आवश्यक विषय शामिल हैं। हालांकि इस संदर्भ में दिल्ली सरकार से भी उनकी प्रतिक्रिया जानने की कोशिश की गई, लेकिन खबर लिखे जाने तक नहीं मिल पाई थी।
10 साल में बढ़ते- बढ़ते 3,060 हो गई ऐसी फाइलों की संख्या
दिल्ली सरकार के सूचना प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा उपलब्ध आंकड़े बताते हैं कि 14 फरवरी 2015 से 12 अप्रैल 2024 तक ऐसी फाइलों की संख्या बढ़ते- बढ़ते 3,060 हो गई है, जिन्हें सरकार की मंजूरी चाहिए। अगर 2024 के ही करीब साढ़े तीन माह की बात करें तो अकेले सीएम के पास 23 फाइलें लंबित हैं। मार्च और अप्रैल माह में तमाम विभागों के पास 16 फाइलें स्वीकृति की राह देख रही हैं।
आधिकारिक सूत्र बताते हैं कि फाइलों को मंजूरी न मिलने से अलग- अलग विभागों की ढेरों योजनाएं क्रियान्वित नहीं हो पाई हैं। अनेक बोर्डों का गठन नहीं हो सका है, कई कार्ययोजनाओं पर काम शुरू नहीं हो पाया है, कई विभागों के अध्यक्ष नियुक्त नहीं हो पाए तो बहुत सी रिपोर्ट और बैठक के मिनटस भी अधर मेंं हैं।
दिल्ली सरकार के पास लंबित फाइलों का आंकड़ा तीन हजार पार, अकेले मुख्यमंत्री के पास 420 फाइलें हैं लंबित
Palmira Nanda
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