पुलिस ने कहा कि आरोपी जांच में सहयोग नहीं कर रहा और टाल-मटोल कर रहा
पुलिस ने बताया- आरोपी प्रभावशाली व्यक्ति है और सबूत से कर सकता है छेड़छाड़
नई दिल्ली/19 मई।
दिल्ली पुलिस ने आप की राज्यसभा सदस्य स्वाति मालीवाल पर कथित हमले के संबंध में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सहयोगी विभव कुमार को गिरफ्तार किया था। कोर्ट ने उन्हें पांच दिन की रिमांड पर भेज दिया है। वहीं पुलिस ने अपने रिमांड पेपर में बिभव पर गंभीर आरोप लगाए हैं। पुलिस ने कहा कि स्वाति मालीवाल पर हमला इतना जबर्दस्त था कि यह जानलेवा हो सकता था।
बिभव कुमार को पांच दिन की पुलिस हिरासत में भेजने वाले मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट गौरव गोयल को जांच एजेंसी ने बताया कि उन्होंने पुलिस के साथ सहयोग नहीं किया और अपने जवाब देने में टाल-मटोल कर रहे थे। उत्तरी जिला अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त अंजीथा चेप्याला द्वारा हस्ताक्षरित रिमांड पेपर में कहा गया, ‘यह एक बहुत ही गंभीर मामला है जहां एक सार्वजनिक हस्ती, संसद सदस्य पर बेरहमी से हमला किया गया था, जो घातक हो सकता था। आरोपी ने जांच में सहयोग नहीं कर रहे और जवाब देने में टाल-मटोल कर रहा है।’
सेंटर टेबल पर स्वाति का सिर पटक दिया: पुलिस
रिमांड पेपर में कहा गया है कि मजिस्ट्रेट के सामने मालीवाल की गवाही की पुष्टि मेडिकल साक्ष्यों से हुई है। इसमें कहा गया है कि मालीवाल के आरोपों के अनुसार, बिभव कुमार ने उनपर चिल्लाया, धमकाया और अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया। इसके अलावा उसने स्वाति पर क्रूरता से हमला किया, उन्हें घसीटा और सेंटर टेबल पर उनका सिर पटक दिया।
अभी तक उपलब्ध नहीं कराया गया डीवीआर: पुलिस
इसमें कहा गया कि सबसे महत्वपूर्ण सबूत घटनास्थल का डिजिटल वीडियो रिकॉर्ड (डीवीआर) था, लेकिन इसे अभी तक पुलिस को उपलब्ध नहीं कराया गया है। पुलिस हिरासत की मांग करने वाली याचिका के अनुसार, सीएम आवास के एक जूनियर इंजीनियर ने यह स्वीकार किया कि उसे उस स्थान तक पहुंच नहीं थी, जहां डीवीआर और सीसीटीवी कैमरे लगे थे। डाइनिंग रूम का एक वीडियो प्रदान किया, लेकिन बाद में यह पाया गया कथित घटना के समय वह खाली था।
सबूतों के साथ हो सकती है छेड़खानी: पुलिस
रिमांड पेपर में कहा गया है कि शनिवार को बिभव कुमार मुख्यमंत्री के आवास पर मौजूद थे और पूछताछ के बाद उन्होंने गोलमोल जवाब दिया। इसमें कहा गया, ह्लघटनास्थल (एसओसी) पर उसकी उपस्थिति इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य सहित महत्वपूर्ण सबूतों के साथ छेड़छाड़ की प्रबल संभावना पैदा करती है। आरोपी एक प्रभावशाली व्यक्ति है और एक आधिकारिक पद पर नौ साल से अधिक समय तक काम करने के बाद वह गवाहों को प्रभावित और दबाव डाल सकता है।