गुस्ताख़ी माफ़
गुस्ताख़ी माफ़ 27.8.2024 कहते हैं ट्रैफिक पुलिस, बेहद कम है तात। कैसे संभले शहर का, इनसे यातायात। इनसे यातायात, लोग हैं बड़े अनोखे। हो जाते हैं फुर्र, पुलिस को देकर धोखे। कह साहिल कविराय, डटे तो ये भी रहते। पता नहीं फिर सभी, बुरा क्यों इनको कहते। प्रस्तुति —- डॉ. राजेन्द्र साहिल