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अदालत में विभव की जमानत पर फूट फूट कर रोई स्वाति मालीवाल

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दिल्ली/यूटर्न /27 मई: दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में आज ‘आप’ सांसद स्वाति मालीवाल से मारपीट के आरोपी विभव कुमार की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के समय स्वाति मालीवाल भी कोर्ट रूम में मौजूद रहीं। कोर्ट रूम नंबर 119 में सुनवाई हुई। विभव कुमार की ओर से सीनियर एडवोकेट एन. हरिहरन ने दलीलें पेश की। वहीं स्वाति मालीवाल के वकील के साथ-साथ दिल्ली पुलिस ने भी विभव की जमानत का विरोध करते हुए अपना पक्ष रखा। वहीं जिस समय कोर्ट रूम में स्वाति मालीवाल के मुखयमंत्री आवास से निकलने का वीडियो जज को दिखाया जा रहा था और एफआईआर के बारे में विभव के वकील जज को बता रहे थे, उस समय स्वाति मालीवाल की आंखों में आंसू आए और वे कोर्ट रूम में ही जज के सामने फूट-फूट कर रोने लगीं। फिर चुप होकर कार्यवाही सुनने लगीं।
विभव के वकील ने ये दलीलें दीं?
विभव कुमार को जमानत देने की मांग करते हुए उनके वकील हरिहरन ने दलील दी कि घटना वाले दिन क्या हुआ? सुरक्षाकर्मी ने पुलिस को दिए बयान में बताया। स्वाति के पास मुखयमंत्री से मिलने का अपॉइंटमेंट नहीं था। वे जबरन अंदर आ गई थीं और ड्राइंगरूम में बैठ गई थीं। स्वाति मालीवाल सांसद हैं, इसका मतलब यह नहीं कि उन्हें कुछ भी करने का हक मिल गया। सुरक्षाकर्मी ने भी बताया है कि मैडम ने उससे कहा था कि सांसद को बाहर इंतजार कराओगे। मैं वेटिंग हॉल में बैठी हूं। आप विभव से बात करो। उन्हें सुरक्षाकर्मियों ने रोका, लेकिन वे नहीं मानी। उनसे कहा गया कि विभव कुमार यहां नहीं हैं। वे वेटिंग रूम में चली गईं और 5 मिनट बाद वेटिंग रूम से बाहर आकर उन्होंने पूछा कि अभी तक नहीं आए विभव? इसके बाद वे सीएम हाउस की तरफ जाने लगीं। सुरक्षाकर्मियों ने मैडम से अनुरोध किया और कहा कि आप यहीं बैठिए।
विभव के वकील ने एफआईआर में देरी पर सवाल उठाए
विभव के वकील ने जज को बताया कि जब विभव आए तो उन्होंने सुरक्षाकर्मियों से पूछा कि किसके आदेश पर उन्हें अंदर भेजा? मौके का सीसीटीवी फुटेज बरामद किया गया है। उसके साथ किसी तरह की छेड़छाड़ का कोई सवाल नहीं उठता। पुलिस पूछताछ के लिए विभव शुरू से उपलब्ध रहा। सांसद हैं, इसका मतलब यह नहीं कि उनको कुछ भी करने की छूट है? सांसद को आप बाहर इंतजार करवाओगे क्या? वह इस तरह के बयान देकर उकसाने का काम कर रही थीं। विभव के वकील ने दलील दी कि उन्हें सीएम आवास में किसने बुलाया था? वह अपने मन में कुछ सोच कर आई थीं या आने से पहले उसने कुछ सोच रखा था। क्यों वे बार-बार सुरक्षाकर्मियों से पूछ रही थीं कि क्या उन्होंने विभव से बात की है? मालीवाल बार-बार विभव के बारे में पूछ रही थीं। जिस दिन घटना हुई उसी दिन शिकायत नहीं दर्ज कराई गई, 3 दिन बाद एफआईआर दर्ज कराई गई।
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