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सुप्रीम कोर्ट का ईडी को झटका,पीएमएलए एक्ट में अदालत की परमिशन के बाद होगी गिरफतारी

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(लुधियाना/16 मई): सुप्रीम कोर्ट ने आज ईडी द्वारा की जाने वाली गिरफतारी को लेकर अहम फैसला सुनाया है। जिससे ईडी को झटका लगा है। एक याचिका का निपटारा करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया कि अगर मनी लॉन्ड्रिंग का केस कोर्ट में विचाराधीन है तो प्रवर्तन निदेशालय प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत गिरफतारी नहीं कर सकती। अगर गिरफतारी की जरूरत है भी तो जांच एजेंसी संबंधित अदालत से परमिशन मांगे। ज्ञात रहे कि ईडी पर सरकार के नियंत्रण के अकसर आरोप लगते रहे है,यही कारण है कि अदालत को ऐसा फैसला लेने पर मजबूर होना पडा। आदेशों में कहा गया कि अगर जांच एजेंसी द्वारा गिरफतारी के लिए बताए गए कारणों से अदालत संतुष्ट हुई तो सिर्फ एक बार के लिए आरोपी की हिरासत ईडी को मिलेगी, लेकिन वह गिरफतार नहीं कर सकेगी, बल्कि हिरासत में लेकर पूछताछ के बाद छोडऩा पड़ेगा। याचिकाकर्ता ने पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के दिसंबर 2023 के एक आदेश को चुनौती दी थी, जिस पर आज सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया है। जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस उज्जल भुइयां की पीठ ने याचिका पर सुनवाई की।
पंमन मिलने पर पेश हुआ आरोपी तो जमानत मिल जाएगी
सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला याचिका में पूछे गए उस सवाल के जवाब में दिया, जिसमें पूछा गया था कि क्या पीएमएलए एक्ट के तहत दर्ज मामले में किसी आरोपी को उन मामलों में भी जमानत के लिए कड़े दोहरे परीक्षण से गुजरना पड़ेगा, जहां विशेष अदालत अपराध का संज्ञान ले चुकी है। अपराध कोर्ट में विचाराधीन है और सुनवाई चल रही है। सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा कि अगर आरोपी कोर्ट में पेश हुआ है तो उसे जमानत याचिका दायर करने की जरूरत नहीं है। केस में चार्जशीट दाखिल हो चुकी है और उसमें दर्ज आरोपी को कोर्ट ने समन भेजकर बुलाया और वह पेश हो गया तो उसे जमानत मिल जाएगी। उस पर एक्ट की धारा 45 और उसकी शर्तें लागू नहीं होंगी।
कोर्ट फैसला करेगी हिरासत देने पर
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट ने धारा 44 के तहत फैसला सुनाया। पीठ की तरफ से कहा गया कि पीएमएलए एक्ट की धारा 4 के तहत अगर शिकायत पर संज्ञान लिया गया है, तब ईडी आरोपी को गिरफतार नहीं कर सकती है। उसे गिरफतार करने के लिए एक्ट की धारा 19 के तहत मिली अपनी शक्तियों का इस्तेमाल नहीं कर सकती। फिर भी अगर ईडी को पूछताछ के लिए, जांच को आगे बढ़ाने के लिए आरोपी की गिरफतारी चाहिए तो ईडी को संबंधित कोर्ट को आरोपी की हिरासत के लिए आवेदन देना होगा। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट फैसला लेगी कि आरोपी की हिरासत ईडी को दी जाए या नहीं। अगर हिरासत दी गई तो वह सिर्फ एक बार के लिए मिलेगी।

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