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चुनावों में नेताओं पर ऐसा असर कि चाहे कोई भी गले लगाने से नेता पीछे नही रहते

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करोडों के डिफाल्टर शराब ठेकेदारों ने मुखयमंत्री को लड्डुओं से तोला

(चंडीगढ/18 मई): चुनाव हो तो नेता लोगों के पास जाने से कतराते ही नही बल्कि वह किसी भी डिफाल्टर या अपराधी को भी गले लगा लेते है। ऐसा ही हुआ हरियाना के मुखयमंत्री नायब सिंह सैणी के साथ,हुआ यह कि करीब 45 करोड के डिफाल्टर शराब के ठेकेदारों ने मुखयमंत्री को खुश करने के लिये एक फंकशन किया और मुखयमंत्री को लड्डुओं से तोल दिया। इसका पता चलते ही चर्चा होने लगी है कि करोड़ों रुपए की रिकवरी के नोटिस से बचने के लिए शराब ठेकेदारों ने यह चालाकी की है। आबकारी एवं कराधान विभाग की तरफ से इन डिफाल्टरों को नोटिस जारी हो चुके हैं। वहीं मुखयमंत्री के मीडिया अधिकारी ने कहा कि मुखयमंत्री को इनके बारे में पता नही होगा,अगर उनको पता होता तो वह जाते ही नही। वहीं विभाग ने कहा है कि अगर 15 दिन में बकाया राशि जमा नहीं कराई जाती तो विभाग उनकी संपत्ति को अटैच करके पैसा वसूलेगा। ऐसे में चर्चा है कि विभाग की वसूली से बचने के लिए वह सीएम नायब सैनी को खुश करने का प्रयास कर रहे हैं। चर्चा है कि यह कार्यक्रम शुक्रवार को शराब ठेकेदार मुकेश बलड़ी ने किया। जिसमें वे ठेकेदार भी मौजूद थे, जिन्हें विभाग ने बकाया जमा करने के नोटिस दिए हैं।
8 साल से 44 करोड़ दबाए बैठे ठेकेदार
करनाल के शराब के डिफॉल्टर ठेकेदार 8 साल से सरकार का लगभग 44 करोड़ रुपए दबाए बैठे है और आज तक आबकारी एवं काराधान विभाग डिफॉल्टरों से रिकवरी ही नहीं कर पाया है। यह शराब ठेकेदार आज से नहीं बल्कि 2015 से डिफॉल्टर चल रहे है और 2015 के बाद भी विभाग के अधिकारियों ने चहेतों को शराब के ठेके अलॉट हुए और इन डिफॉल्टरों ने दूसरी फर्म बनाकर ठेके अलॉट करवाए। ऐसा बिना किसी आबकारी की परमिशन के नहीं हो सकता। सवाल यह भी है कि जब संबंधित ठेकेदार डिफॉल्टर हो चुका था तो बार-बार उन्हें ही ठेके क्यों अलॉट हुए। ऐसे में निष्पक्ष जांच की मांग उठाई जा रही है।

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