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प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से सांसद के जरिए इलाज कराने के लिए ले सकते हैं आर्थिक मदद

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लुधियाना से राज्यसभा सांसद अरोड़ा तो सालभर में करा चुके 43 मरीजों का इलाज पीएमएनआरएफ से

लुधियाना 16 जुलाई। अगर कोई शख्स जानलेवा बीमारी की चपेट में हैं और इलाज के लिए इंतजाम नहीं हो रहा हो तो आपके सांसद मददगार हो सकते हैं। जी हां, इसके लिए अपने सांसद के नाम चिट्ठी लिखनी होगी। सांसद गंभीर रोगों से जूझने वाले मरीजों के इलाज के लिए प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष यानि पीएमएनआरएफ से आर्थिक मदद दिलाने के लिए सिफारिश कर सकते हैं। हालांकि इलाज के लिए मदद के मामले में मरीज के परिजनों को कुछ शर्तें पूरी करनी होंगी।
सांसद अरोड़ा ने तो चला दी मुहिम : यहां गौरतलब है कि लुधियाना से राज्यसभा सांसद संजीव अरोड़ा करीब एक साल से ऐसे मरीजों को खूब मदद कर रहे हैं। उनके मुताबिक वह सालभर के दौरान ही 43 मरीजों को पीएमएनआरएफ के जरिए आर्थिक सहयोग दिला चुके हैं। दरअसल उन्होंने इस नेक काम को मुहिम की तरह चलाया। लिहाजा प्रधानमंत्री के संबंधित कार्यालय ने बीच में उनको लिखित तौर पर सूचित किया कि आप तय कोटे के तहत सालभर में 36 मरीजों को मदद दिला चुके हैं। इसका मतलब यह है कि कोई भी सांसद महीने में औसतन 3 मरीजों को ही आर्थिक सहयोग दिला सकता है। दिलचस्प मगर गंभीर पहलू, सांसद अरोड़ा ने सालभर का कोटा पूरा होने पर अपने जानकार सांसदों के सिफारिशी पत्रों के जरिए भी 7 अन्य मरीजों को मदद दिला दी।
फर्ज मानकर मुहिम छेड़ी : सांसद अरोड़ा मशहूर उद्यमी और समाजसेवी भी हैं। चिकित्सा के क्षेत्र में वह पहले से ही विशेष योगदान करते आए हैं। बकौल अरोड़ा, राहत कोष से किसी भी गंभीर रोगी को मदद दिलाना मेरा फर्ज है। वैसे तो मैं कामना करता हूं कि सभी स्वस्थ रहें। वह बेबाकी से बताते हैं कि बेशक मेरा राज्यसभा सांसद के तौर पर दो साल का कार्यकाल पूरा हो गया, लेकिन इस राहत कोष के बारे सालभर पहले ही पता लगा। तत्काल मैंने गंभीरतापूर्वक इससे संबंधित हर मरीज के प्रार्थनापत्र को औपचारिकताएं पूरी करा आगे बढ़ाया। उसके साथ तत्काल सिफारिशी चिट्ठी लगाकर पीएमएनआरएफ से संबंधित अफसरों को भेजा। नतीजतन हर केस में मरीजों को मदद मिलती गई।
कैसे उठाएं इस योजना का लाभ : जो व्यक्ति इलाज का लाभ पाना चाहते हैं तो उनके सबसे पहली शर्त यह है कि उनका सरकारी अस्पताल में चल रहा हो। इनके अलावा सरकारी संस्थानों की तर्ज पर इलाज कराने की सुविधा देने वाले अस्पतालों सहित पीजीआई समकक्ष चिकित्सीय संस्थानों की मेडिकल रिपोर्ट दस्तावेज के तौर पर काम करेगी। इन संस्थानों के संबंधित चिकित्सक यह भी रिपोर्ट तैयार करके देंगे कि रोगी को मर्ज क्या है और इसके इलाज में कुल कितना खर्चा आएगा। जब सांसद को संबंधित रोगी या फिर परिजन प्रार्थना-पत्र देगा तो इन रिपोर्ट के आधार पर ही मदद मिल सकेगी। आवेदन मिलने पर सांसद पीएम के नाम राहत कोष से बीमार व्यक्तियों या फिर उनके परिजनों को इलाज के लिए सिफारिशी पत्र भेजेंगे। सांसद की चिट्ठी के बाद केंद्र सरकार कोष के तहत राहत मुहैया कराएगी।
इसके लिए आवेदन के हकदार जानलेवा बीमारियों जैसे कैंसर, एड्स, गंभीर ऑपरेशन, आंत की बीमारी, किडनी फेल, हार्ट अटैक, लीवर/किडनी ट्रांसप्लांट आदि के रोगी ही हो सकते हैं।
पीएमएनआरएफ क्या है : प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष केवल जनता के अंशदान से बना है। इसे कोई भी बजटीय सहायता नहीं मिलती है। प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष व्यक्तियों, संगठनो, संस्थानों, ट्रस्ट व कंपनियों से स्वैछिक अनुदान / योगदान स्वीकार करता है। प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष को दिए गए सभी अनुदान/ योगदान आयकर की धारा 80-जी के तहत आयकर से छूट प्राप्त हैं। प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष की धनराशि का इस्तेमाल आमतौर पर बाढ़, चक्रवात और भूकंप आदि जैसी प्राकृतिक आपदाओं में मारे गए लोगों के परिजनों के अलावा बड़ी दुर्घटनाओं एवं दंगों के पीड़ितों को तत्काल राहत पहुंचाने के लिए किया जाता है। जबकि हृदय शल्य-चिकित्सा, गुर्दा प्रत्यारोपण, कैंसर आदि के उपचार के लिए भी इस कोष से सहायता दी जाती है। यदि आप इसमें योगदान करना चाहते हैं तो भीम एप / यूपीआई (VPA : pmnrf@centralbank), क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड या भारतीय बैंकों के ‘नेट बैंकिंग’ से अनुदान कर सकते हैं। सभी केंद्रीय व राज्य स्तर के सरकारी अस्पताल इस निधि के तहत पीएमएनआरएफ से जुड़े हैं।
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