यूपीएससी स्टूडेंट्स के विरोध की एक वजह और, दिल्ली में कोचिंग लेने वालों को लूटते हैं मकान मालिक?

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दिल्ली/यूटर्न/29 जुलाई: दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में बने राउ आईएएस कोचिंग सेंटर हादसे से यूपीएससी स्टूडेंट्स भडक़ गए। उन्होंने विरोध प्रदर्शन करते हुए अपनी कई मांगें उठाईं। स्टूडेंट़्स ने म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन ऑफ दिल्ली के खिलाफ धरना दिया। कई तरह के आरोप भी लगाए। स्टूडेंट्स का कहना है कि लापरवाही के कारण 3 छात्रों की जान चली गई। इसे डिजास्टर नहीं कह सकते, अगर ड्रेनेज सिस्टम ठीक रहते तो कोचिंग सेंटर में इस तरह पानी नहीं भरता। स्टूडेंट्स का कहना है कि उनका गुस्सा सिर्फ इसी हादसे के कारण नहीं फूटा है। काफी समय से दिल्ली में कोचिंग लेने वाले स्टूडेंट्स कई तरह की समस्याएं झेल रहे हैं, जिनके बारे में कई बार प्रशासन और अधिकारियों को बताया गया, लेकिन आज तक कोई एक्शन नहीं लिया गया। सबसे बड़ी समस्या बढ़ता किराया है, जिस वजह से एक आईएएस स्टूडेंट ने सुसाइड तक कर ली थी।
क्यों की थी आईएएस स्टूडेंट ने सुसाइड?
प्रदर्शनकारी स्टूडेंट्स ने मीडिया के बताया कि दिल्ली में देशभर से आए लाखों स्टूडेंट्स रहते हैं। कोई यूनिवर्सिटी में पढ़ता है तो कोई कोचिंग ले रहा है। जिन्हें हॉस्टल नहीं मिल पाते, वे पेइंग गेस्ट बनकर या किराये पर मकान-फलैट लेकर रहते हैं, लेकिन इन लाखों स्टूडेंट्स को किराये की मार झेलनी पड़ती है। सबसे ज्यादा स्टूडेंट्स करोल बाग में रहते हैं और यहां एक कमरे का किराया करीब 15 हजार रुपये है। आधे से ज्यादा मां-बाप बच्चों को दिल्ली पढ़ाई करने के लिए भेज तो देते हैं, लेकिन उन्हें काफी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है। ऐसा ही आर्थिक नुकसान महाराष्ट्र के अकोला की रहने वाली अंकिता गोपनारायण भी झेल रही थी। वह आईएएस की तैयारी कर ली थी, लेकिन गत 21 जुलाई को उसने फंदा लगाकर सुसाइड कर ली। उसने सुसाइड नोट में किराये और ब्रोकर का जिक्र करते हुए जान देने की वजह बताई। सुसाइड नोट में उसके दिल का दर्द छलका, जो सभी स्टूडेंट्स की परेशानी है।
अंकिता का किराया 3 हजार बढ़ गया था
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, प्रदर्शनकारी छात्रों ने आरोप लगाया है कि दिल्ली में मकान मालिक मनमर्जी से किराया बढ़ाते हैं। नहीं देने पर सीधा कमरा खाली करने का कह देते हैं। अंकिता एक कमरे का 15500 रुपये प्रति माह किराया देती थी। वह घर से आई तो मकान मालिक ने 3000 रुपये किराया बढ़ाने को कह दिया तो वह परेशान हो गई। उसने विरोध किया तो मकान मालिक कमरा खाली करने को कहने लगा। अंकिता के पिता महाराष्ट्र पुलिस में हैं। वह मध्य वर्गीय परिवार से है। पहले ही कोचिंग पर इतना खर्च हो रहा था, ऊपर से किराया और बिजली का बिल अलग से देना पड़ता था। दिल्ली में रहने वाले स्टूडेंट्स क्या-क्या परेशानियां झेलकर पढ़ाई कर रहे हैं, इसका अंदाजा कोई भी नहीं लगा सकता।
मौत सामने थी, वो हाथ जोड़ गिड़गिड़ा रही थी
दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में बने राउ आईएएस कोचिंग सेंटर हादसे ने कभी न भूलने वाला जन्म दिया है। शनिवार को सेंटर के बेसमेंट में बारिश का पानी भर गया। बेसमेंट में बनी लाइब्रेरी में स्टूडेंट्स स्टडी कर रहे थे कि अचानक बारिश का पानी भरने लगा। इससे पहले की स्टूडेंट्स बाहर निकल पाते करीब 10 फीट पानी भर गया और 3 स्टूडेंट्स फंस गए, जिनमें एक लडक़ी भी थी। तीनों को बचाया नहीं जा सका, गंदे पानी में डूबने से उनकी मौत हो गई। बचाव दल को तीनों की लाशें मिलीं। श्रेया यादव, नवीन डालविन और तानिया सोनी तीनों की जान बचाई जा सकती थी, लेकिन बेसमेंट में पानी भरने के बाद हालात ऐसे बन गए कि उनकी मौत हो गई। बेसमेंट से बचकर निकले स्टूडेंट हृदयेश ने उस वक्त का आंखों देखा मंजर सुनाया तो वह फूट-फूट कर रोने लगा। उसने कहा कि वह दोनों लड़कियों की उन आंखों को नहीं भूल सकता, जो मदद तलाश रही थीं।
गेट जाम, गंदा पानी और बिजली का जाना
हृदयेश और रमेश के अनुसार, 15 से 50 स्टूडेंट्स लाइब्रेरी में थे। एनडीआरएफ ने करीब 15 स्टूडेंट्स रेस्क्यू किए, लेकिन उन तीनों को नहीं बचाया जा सका। समय पर मदद मिलती तो जान बच सकती थी, लेकिन पानी भरते ही बायोमीट्रिक गेट लॉक हो गया। स्टूडेंट्स कुर्सियों पर चढ़ गए। बाहर खड़े लोगों ने रस्सियां फेंकी, लेकिन गंदा पानी होने रस्सियां वे पकड़ नहीं पाए। बिजली भी बंद हो गई तो अंधेरे में कोई नजर नहीं आया। श्रेया, तानिया और नवीन तीनों कुर्सियों पर खड़े थे।
श्रेया और तानिया मदद के लिए चिल्ला रही थीं। हाथ जोड़ मदद मांग रही थीं, लेकिन बेबसी का मंजर था। नवीन ने उन्हें संभालने की काफी कोशिश की, लेकिन कोई कुछ नहीं कर पाया। धीरे-धीरे दोनों की आवाज बंद हो गई। उनके मुंह में पानी भरने लगा था। एक युवक पानी में कूदा, लेकिन वह भी उन तक नहीं पहुंचा पाया। पानी ऐसे बह रहा था, जैसे दरिया हो। तीनों की मौत पानी में डूबने से हुई। पानी भरते ही एनडीआरएफ को फोन कर दिया था, लेकिन शायद किस्मत को कुछ और मंजूर था।
एमसीडी के अधिकारियों से पूछताछ करेगी पुलिस
दिल्ली कोचिंग सेंटर हादसे के बाद दिल्ली पुलिस एक्शन मोड में आ गई है। दिल्ली पुलिस एमसीडी के अधिकारियों से पूछताछ करेगी, जिनके ऊपर ओल्ड राजेंद्र नगर के कोचिंग सेंटर्स की जिंमेदारी थी। चाहे ड्रेनेज सिस्टम से जुड़ी समस्या हो या बिल्डिंग का नक्शा पास करने से लेकर एनओसी जारी करना हो, सभी मुद्दों को लेकर उनसे पूछताछ की जाएगी। मामला लापरवाही का है तो ऐसे में उन एमसीडी अधिकारियों पर भी गाज गिरना तय माना जा रहा है। दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी ने मुखय सचिव नरेश कुमार को हादसे की मजिस्ट्रेट जांच कराकर रिपोर्ट सौंपने के आदेश दिए हैं।
पुलिस-एनडीआरएफ भी हादसे की जिंमेदार
हादसे के विरोध में प्रदर्शन कर रहे स्टूडेंट्स ने दिल्ली पुलिस और एनडीआरएफ को भी श्रेया, तानिया और नवीन की मौत का जिंमेदार ठहराया। क्योंकि फोन करके हालात बताने के बावजूद दोनों हादसास्थल पर देरी से पहुंचे। शाम के करीब 7 बजे थे और बेसमेंट का दरवाजा लॉक हो चुका था। बिजली भी ठप हो गई थी। स्टूडेंट्स पानी में फंसे थे। अगर समय रहते एनडीआरएफ के गोताखोर उन्हें निकाल लेते तो तीनों की जान बच जाती। पानी कितना था, इसका अंदाजा इस बात से लगा लीजिए कि सेंटर के बाहर लगने वाली रेहड़ी भी डूब गई थी। उसका मालिक स्टूडेंट्स की मदद करने में जुटा था।
हाईकोर्ट में याचिका दायर
राउ आईएएस कोचिंग सेंटर में हुआ हादसा दिल्ली हाईकोर्ट पहुंच गया है। राष्ट्रीय प्रवासी मंच ने जनहित याचिका दायर करके दिल्ली में पढ़ रहे स्टूडेंट्स की सेफटी सुनिश्चित करने की मांग की है। हादसे में मारे गए स्टूडेंट्स के लिए मुआवजा भी मांगा गया है। याचिका में मांग की गई है कि दिल्ली में दूसरे राज्यों से आने वाले स्टूडेंट्स की सेफटी के लिए गाइडलाइन बनाई जाए। याचिका में दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार, एमसीडी और राउ आईएएस कोचिंग सेंटर को मालिक को पार्टी बनाया गया है।
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