पंजाब/यूटर्न/31 जुलाई: सरकार ने संसद को बताया कि 2023 के दौरान कुत्तों के काटने के लगभग 30.5 लाख मामले सामने आए, जिससे 286 लोगों की मौत हो गई। मत्स्य, पशुपालन और डेयरी मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में लोकसभा को बताया कि स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा लागू एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (आईडीएसपी) में प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, 2023 के दौरान कुत्तों के काटने के कुल 30,43,339 मामले सामने आए। इस दौरान, 286 लोगों की मौत कुत्तों के काटने से हुई। राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र से मिली रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2023 के दौरान एंटी-रेबीज टीकों की सं[द्मया 46,54,398 थी। स्वास्थ्य मंत्रालय देश में रेबीज की रोकथाम और नियंत्रण के लिए अंडमान और निकोबार द्वीप समूह और लक्षद्वीप को छोडक़र सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में 12 वीं पंचवर्षीय योजना के बाद से राष्ट्रीय रेबीज नियंत्रण कार्यक्रम लागू कर रहा है। सिंह ने कहा, इसके अलावा, कुत्तों के काटने के मामलों को नियंत्रित करने के लिए कुत्ता आबादी प्रबंधन महत्वपूर्ण कार्यों में से एक है। इस संबंध में, कई स्थानीय निकाय पशु जन्म नियंत्रण कार्यक्रम और एंटी रेबीज टीकाकरण को लागू कर रहे हैं, जिसके लिए केंद्र सरकार ने पशु जन्म नियंत्रण नियम, 2023 तैयार किए हैं। उन्होंने कहा, केंद्र सरकार पशु रोग नियंत्रण के लिए राज्य की सहायता के तहत धन भी प्रदान कर रही है। राज्य सरकार रेबीज टीकाकरण के लिए भी धन का उपयोग कर सकती है। इन सबके बीच सरकार की ओर से जो आंकड़े बताए गए हैं वह वाकई हैरान करने वाले हैं।
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