(लुधियाना/ 24 अप्रैल): लोक सभा 2024 चुनावों में मतदान के दिन जैसे जैसे निक्ट आ रहे है,उससे नेता भी बदजुबान हो रहे है,मर्यादाओं की सारी सीमाए नेताओं ने तोड दी है। हालात यह है कि गली मोहल्ले में भी ऐसी भाषा का प्रयोग नही किया जाता जो भाषा इस समय नेता अपने विरोधियों के लिये बोल रहे है। लोगों को समझ नही आ रहा कि ऐसे नेताओं को वह अपना वोट क्यों दे जो भाषा की तमीज भी नही जानता। ऐसा ही आजकर पंजाब में हो रहा है। शब्दावली में निघार पिछले विधानसभा चुनावों से आना शुरू हो गया,कोई किसी को शकुनि कह रहा है तो कोई किसी को मदबुद्वि बोल रहा है। आज तो सबसे सीलीके वाले पूर्व मुखयमंत्री चरणजीत चन्नी ने तो सारी सीमाए तोडते हुए आप व भाजपा उमींदवार पर जमकर हमला बोला है। बुधवार को पूर्व सीएम और जालंधर से कांग्रेस उंमीदवार चरणजीत सिंह चन्नी ने आप उंमीदवार पवन कुमार टीनू और बीजेपी उंमीदवार सुशील कुमार रिंकू आप ने शिअद छोड़ कर पवन टीनू को उंमीदवार बनाया है।
चन्नी ने कहा- टीनू ने पहले बीएसपी जॉइन की थी। तब टीनू कहता थे कि कांशी राम मेरे बाप है। जब बसपा से पेट भर गया तो वहां से वे शिअद में चले गए। शिअद में आकर सरदार प्रकाश सिंह बादल को अपना सब कुछ बताने लगे। शिअद में रहते हुए टीनू दो बार विधायक बने। टीनू ने इसकी भी कदर नहीं की। चन्नी बोले- मैंने देखा कि बीते पवन टीनू सीएम मान से मिलकर उनके एक पट्टा डलवाकर आप में शामिल हो गए। टीनू का कोई स्टैंड नहीं है। उनको बाप बदलने की आदत है। चन्नी ने कहा- मैंने बल्ला डेरे में शुरू से जाता रहा हूं। मगर आप सरकार ने डेरे के फंड रोक दिए। रिंकू ने आप में रहते हुए कोई काम नहीं किया। अब रिंकू ने पार्टी ही बदल दी है।
ऐसा ही हाल केन्द्रीय नेताओं का भी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तो सबसे पहले विरोधी गठबंधन को ठगबंधन कहा,जब कांग्रेस की मैनीफेस्टो आया तो उन्होने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का 2006 का एक ब्यान का टुकडा निकाल कर व यहां तक प्रचार करना शुरू कर दिया कि कांग्रेस जब सत्ता में आई तो वह महिलाओं के गले से उनके मंगलसू9 भी लूट लेगी,हालात यहां तक बन गये कि भाजपा ने अपनी सारी फौज को यह प्रचार करने के लिये बोल दिया व चैनलों पर डिबेटे भी शुरू करवा दी। कांग्रेस का इतना ही कहना था कि वह आर्थिक तौर पर सर्वे करवा कर दबे कुचले लोगों को उनका हक्क भी दिलवायेगें। वहीं कांग्रेस ने भी इस चुनाव में प्रचार तो जनहित्त मुद्दों से शुरू किया था,लेकिन भाजपा उन मुद्दों को छोड कर अपने ट्रैक पर ले गई और अब भाजपा का जवाब कांग्रेस भी देने लगी हुई है। इस बार यह चुनाव निजी किड निकालने तक ही सीमित हो गया है,यही कारण है कि 102 सीटों के लिये हुए मतदान का प्रतिशत भी काफी कम रहा,यही हाल अब पंजाब का होने वाला है,जनता के कान पक्क गये है नेताओं के बदजुबानी वाले भाषण सुन सुन कर।