(पंजाब/यूटर्न 29 मार्च): लोकसभा चुनावों में धार्मिक डेरों का ही नेताओं को सहारा रह गया है,ऐसा लगता है कि नेताओं ने कुछ काम ही नही किया,जिस कारण अब जनता का मत पाने के लिये उन्होने डेरा संचालकों का रहमों कर्म चाहिये। सबसे पहले इसकी शुरुआत अमृतसर के ब्यास स्थित राधा स्वामी सत्संग डेरे से हो चुकी है। यहां डेरा मुखी बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मुलाकात के लिए अब राज्य के बड़े नेता पहुंच रहे हैं। जबकि इससे पहले गुरमीत राम रहीम को 7 बार पैरोल से जेल से लाया गया तांकि उनकी संगत अपनी चहेती पार्टी को वोट दे सके। राज्य के मंत्री और अमृतसर से आम आदमी पार्टी के लोकसभा उंमीदवार कुलदीप सिंह धालीवाल भी ब्यास डेरे में पहुंचे। पिछले एक हफते में यहां विधानसभा में विपक्ष के नेता व कांग्रेस विधायक प्रताप सिंह बाजवा और पटियाला से भाजपा उंमीदवार परनीत कौर मिलने आ चुकी हैं।
डेरे से करीब एक लाख लोग जुड़े हुए हैं। नेता डेरा मुखी से मुलाकात की फोटो को सोशल मीडिया पर भी वायरल कर रहे हैं ताकि उनके श्रद्धालुओं के वोट पा सकें। डेरा ब्यास की एक किताब के मुताबिक देश भर में उनकी 5 हजार शाखाएं हैं। 99 देशों में भी उनकी ब्रांच हैं। पंजाब में उनके 80 से 90 सत्संग घर हैं। इसके अलावा हरियाणा में भी ऐसे ही सत्संग घर बनाए गए हैं। ेरे से जुड़े सूत्रों के मुताबिक अमृतसर, गुरदासपुर, जालंधर, पटियाला और होशियारपुर लोकसभा सीटों पर डेरे का ज्यादा प्रभाव माना जाता है। पंजाब में राधा स्वामी डेरे का मजबूत आधार है। पंजाब के अलावा हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में भी डेरे के अनुयायी हैं। डेरा ब्यास के आधार का आकलन इससे भी लगा सकते हैं कि इस डेरे के अनुयायी कई सीटों पर चुनाव परिणाम को प्रभावित करने की ताकत रखते हैं।
डेरा संचालकों के द्वार पहुंचने लगे नेतागण,चुनावों में अब डेरों का ही सहारा
Palmira Nanda
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