परिवार की छवि खराब करने पर लगे लैंड ग्रैबर राज कुमार भंडारी, जमीन हड़पने के प्रयास में एक और मामला दर्ज

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लुधियाना 29 सितंबर। लुधियाना के महान लैंड ग्रैबर राज कुमार भंडारी द्वारा परिवार की छवि को लगातार खराब किया जा रहा है। दरअसल, राज भंडारी नामी कॉलोनाइजर व साफ छवि वाले सतपाल भंडारी के बेटे और पूर्व भाजपा प्रधान रहे प्रोफेसर राजिंद्र भंडारी के भाई है। उन पर जमीन हड़पने के प्रयास के आरोप में एक और मामला दर्ज हो गया है। यह मामला थाना पीएयू की पुलिस द्वारा सिविल लाइंस के संजीव गर्ग की शिकायत पर उपिंद्रजीत कौर, शशिइंद्र सिंह, राज कुमार भंडारी के खिलाफ दर्ज किया है। चर्चाएं हैं कि राज भंडारी की और से जमीनों के दस्तावेजों के जरिए कागजों में ही फ्रॉड कर दिया जा रहा है। उनकी और से ओपन पड़े सड़कों के खसरे व रकबों का हेरफेर कर उन्हें अपने नाम करवा लिया जाता है। जिसके बाद लोगों की जमीन को रास्ता देने के लिए या तो उन्हें महंगे भाव पर सड़क का रकबा ही बेच दिया जाता है या उन्हें रास्ता न देकर उनकी जमीन सस्ते में लेकर आगे बेच दी जाती है। जबकि कई लोगों की जमीनें हड़पने के प्रयास का भी आरोप लगाया गया है। इस पूरे हेरफेर में कई पटवारी व सरकारी अफसरों की भी मिलीभगत की चर्चाएं हैं।

फ्रंट जमीन को अपने नाम करवाकर की जाती ठगी
चर्चां हैं कि राज कुमार भंडारी की और सड़कों व पार्कों के लिए रखे खसरों को भंडारी द्वारा अफसरों के साथ मिलकर अपने नाम करवा लिया जाता है। उसकी और से फ्रंट की जमीन दस्तावेजों में हेरफेर करके 2-3 जगह सेल करके फिर अपने नाम करवा ली जाती है। जिसके बाद जब पिछली जमीन के मालिक द्वारा रास्ता मांगा जाता है तो वे उनसे करोड़ों रुपए लेकर जमीन दे देता है। इसी तरह भंडारी द्वारा पूरा गिरोह चलाया जा रहा है।

सड़क के खसरे के दस्तावेज बना खुद को बताया मालिक
शिकायतकर्ता संजीव गर्ग के मुताबिक उसकी और से हंबड़ा रोड पर 2020 में कमर्शियल कांप्लेक्स का निर्माण किया जा रहा था। इस दौरान आरोपी राज कुमार भंडारी उसके पास आया और उसने कहा कि खसरा नंबर 40 जो कि हंबड़ा रोड में आता है, वे उनका है। जिसके मालिक उपिंद्र कौर और शशिइंद्र सिंह है। जिसका मुख्तियारनामा उसके पास है। संजीव ने इसकी शिकायत पुलिस को दी। पुलिस ने जांच की तो पता चला कि तीनों आरोपियों ने मिलकर संजीव की जमीन हड़पने के लिए जाली दस्तावेज बनाए थे। जिसके चलते उसके खिलाफ मामला दर्ज किया गया।

17 सितंबर को भी दर्ज हुआ था मामला
इससे पहले 17 सितंबर को थाना पीएयू की पुलिस ने मॉडल टाउन के अमृतपाल सिंह की शिकायत पर हैबोवाल खुर्द के गुरमुख सिंह, बीआरएस नगर के राज कुमार भंडारी, मुंबई की उपिंदर कौर व अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। अमृतपाल का आरोप था कि आरोपी राज कुमार भंडारी की और से उनकी जमीन के खसरा नंबर के ही 352 गज के दस्तावेज तैयार किए। जिसे पहले उपिंदर कौर के नाम पर करवाया और उससे पावर ऑफ अटर्नी राज कुमार भंडारी ने अपने नाम पर ले ली। उसी पावर ऑफ अटर्नी के आधार पर उक्त खसरा नंबर की जमीन गुरमुख सिंह को बेच दी। जबकि पटवारी के साथ मिलकर माल महकमे में भी इंतकाल करवा लिया गया। जिसके बाद उनकी जमीन हड़पने की कोशिश की।

कैंसिल हुए भंडारी द्वारा दर्ज करवाए केस
वहीं अमृतपाल सिंह का कहना है कि वह विदेश गए हुए थे। पीछे से राज भंडारी ने अपने गैंग के साथ मिलकर पहले उसके प्लॉट के आगे की जमीन गलत तरीके से अपने नाम करवा ली। फिर उनके प्लॉट में घुसकर उसके अंदर से चारदीवारी कर दी। जबकि उल्ट उन पर ही पर्चा दर्ज करवा दिया था। फिर उन्होंने विदेश से लौटकर पुलिस को शिकायत दी। पुलिस ने जांच के बाद उक्त एफआईआर कैंसिल की और उल्ट भंडारी व उसके गैंग पर मामला दर्ज किया। इसी तरह भंडारी द्वारा 12 जून को सीमा रानी महिला पर झूठा पर्चा दर्ज कराया था। वह भी कैंसिल हो चुका है।

जानबूझकर प्लॉट के आगे की जमीन लेकर थे हैं ठगी
शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि राज कुमार भंडारी द्वारा एक पूरा गैंग चलाया जा रहा है। जिनका काम पॉश इलाकों में घुमकर कॉलोनियां चैक करना है। उनकी और से पटवारी व अन्य अफसरों के साथ मिलकर कॉलोनियों की सड़कों व पार्कों खुले पड़े रकबे व खसरों की रजिस्ट्री पहले अपने नाम करवा ली जाती है। जिसके बाद पीछे की जमीन वाले को रास्ता देने की एवज में करोड़ों रुपए लिए जाते हैं। कई लोग दबाव में आकर करोड़ों रुपए भंडारी को दे भी चुके हैं। भंडारी के साथ सरकारी तंत्र के अलावा डीसी ऑफिस के कलर्क स्टॉफ की भी मिलीभगत है।

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