इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड (IMF) ने इंडिया के लिए नया अपडेट दिया है| 26 नवंबर को जारी की गयी नई रिपोर्ट के मुताबिक, अब इंडिया के 5 ट्रिलियन डॉलर वाली इकोनॉमी बनने का टारगेट फाइनेंसियल ईयर 2029 तक पहुंच सकता है|
ये टारगेट एक साल पहले का माना जा रहा था| काफी समय से 5 ट्रिलियन डॉलर जीडीपी का सपना देखा जा रहा है, लेकिन आईएमएफ का कहना है कि टारगेट में देरी की वजह स्लो ग्रोथ और रुपये में ज्यादा गिरावट है| आईएमएफ के मुताबिक फाइनेंसियल ईयर 2028 में इंडिया का जीडीपी करीब 4.96 ट्रिलियन डॉलर रहेगा, जो पहले के 5.15 ट्रिलियन डॉलर और 2023 के 5.96 ट्रिलियन डॉलर के अनुमान से काफी कम है|
आईएमएफ ने साफ कहा कि रुपये की कमजोरी जीडीपी अनुमान में कटौती की बड़ी वजह है| फाइनेंसियल ईयर 2025 के लिए डॉलर-रुपया रेट 82.5 से बढ़ाकर 84.6 कर दिया गया है| आगे फाइनेंसियल ईयर 2026 और फाइनेंसियल ईयर 2027 में ये 87 और 87.7 तक गिरने का अनुमान है|
21 नवंबर को रुपया 89.49 के ऑल-टाइम लो पर पहुंच गया था|आईएमएफ ने नॉमिनल जीडीपी ग्रोथ को भी कम किया है| अब फाइनेंसियल ईयर 2026 में 8.5% ग्रोथ का अनुमान है, जबकि पहले 11% माना जा रहा था| डॉलर के हिसाब से ग्रोथ फाइनेंसियल ईयर 2026 में 5.5% और फाइनेंसियल ईयर 2027 में 9.2% रह सकती है|
इन सभी झटकों के बावजूद आईएमएफ का कहना है कि इंडिया अभी भी दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती इकोनॉमी में से एक है| इसकी वजह है मजबूत घरेलू डिमांड और तेजी से सुधरता इंफ्रास्ट्रक्चर| रिपोर्ट कहती है कि अगर ट्रेड डील्स और सुधारों पर काम तेज हुआ, तो इंडिया का फ्यूचर और भी बेहतर हो सकता है|
