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हाईकोर्ट ने राजस्थान सरकार को भी बनाया पक्ष, तीन सितंबर को होगी अगली सुनवाई

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चंडीगढ/यूटर्न/21 अगस्त: गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के जेल में हुए इंटरव्यू मामले में राजस्थान सरकार को भी पक्ष बना दिया गया है। इस मामले में हाईकोर्ट को सहयोग दे रही एडवोकेट तनु बेदी ने आज राजस्थान सरकार को इस मामले में पक्ष बनाए जाने की अर्जी दी। एसआईटी की रिपोर्ट में खुलासा हुआ था कि गैंगस्टर बिश्नोई का एक इंटरव्यू राजस्थान में हुआ था। हाईकोर्ट ने मामले में अब राजस्थान सरकार को नोटिस जार कर दिया है। तीन सितंबर को राजस्थान के एडवोकेट जनरल को वीसी के जरिए सुनवाई में शामिल होने के आदेश दिए गए हैं। वहीं पंजाब के खरड़ के सीआईए कांप्लेक्स में हुए पहले इंटरव्यू के मामले में पंजाब सरकार को कार्रवाई करने के आदेश दिए गए हैं। हाईकोर्ट ने कहा कि इसके दोषी बड़े अधिकारियों की पहचान कर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए।
लॉरेंस बिश्नोई के पुलिस हिरासत में हुए इंटरव्यू को लेकर गठित एसआईटी ने खुलासा किया है कि उसका पहला इंटरव्यू सीआईए (क्राइम इन्वेस्टिगेशन एजेंसी) के खरड़ थाने (मोहाली) में हुआ था। सितंबर 2022 में रिकॉर्ड किया गया यह इंटरव्यू सात माह बाद मार्च 2023 में जारी किया गया था। दूसरा इंटरव्यू राजस्थान की जेल में हुआ था। एसआईटी की रिपोर्ट से पंजाब सरकार के उस दावे की पोल खुल गई है, जिसमें कहा गया था कि इंटरव्यू पंजाब की हद में नहीं हुआ। हाईकोर्ट ने इस मामले की जांच स्पेशल डीजीपी ह्यूमन राइट्स प्रबोध कुमार की अध्यक्षता वाली एसआईटी (स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम) को सौंपी थी। एसआईटी की ओर से सीलबंद रिपोर्ट बुधवार को हाईकोर्ट में पेश की गई। एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि पहला इंटरव्यू सीआईए के खरड़ थाने में हुआ था। खास बात यह है कि सितंबर 2022 में रिकॉर्ड इस इंटरव्यू को 7 माह बाद मार्च 2023 में जारी किया गया था।
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