धर्म से सुख मिलता है, धन से नहीं – साध्वी श्री पुनीतयशा जी महाराज

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लुधियाना 29 जुलाई। श्री आत्मानंद जैन सभा लुधियाना के जैन उपाश्रय व श्री आत्मानंद जैन महासमिति के संयोजन में श्री आत्म वल्लभ जैन उपाश्रय में चातुर्मास हेतु विराजमान श्रीमद् आत्म वल्लभ समुद्र इंद्र सुरीश्वर जी महाराज के क्रमिक पट्टधर गच्छाधिपति शांतिदूत जैनार्चाय श्रीमद् विजय नित्यानंद सूरी जी महाराज की आज्ञानुवर्ती शांत स्वभावी विदुषी साध्वी संपत श्री जी महाराज की सुशिष्या सरल स्वभावी साध्वी चंद्रयशा श्री जी महाराज व प्रवचन निपुण साध्वी श्री पुनीतयशा श्री जी महाराज की पावन मिश्रा में सोमवार को सत्संगत हुआ। इस अवसर पर साध्वी श्री पुनीतयशा श्री जी महाराज ने अपने प्रवचनों में कहा कि धर्म से सुख मिलता है, धन से नहीं। धन से मित्र खरीदे जा सकते है, लेकिन मित्रता नहीं। मानव गरीब हो या अमीर, सभी रोटी अनाज की ही खाते है। इस दौरान बिआसने के लाभार्थी जमीत राय, सरदारी लाल, निर्मल जैन, राजेश जैन, दिनेश जैन, दुग्गड़ परिवार मेसेर्स मेघा गारमेंट्स रहे। इस मौके पर श्री आत्मानंद जैन सभा के कार्यकारी प्रधान गुलशन जैन गिरनार ने कहा कि इस चातुर्मास में हो रहे समारोह का सभी लार्भार्थी लाभ उठा रहे हैं।

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