(दिल्ली/यूटर्न 12 अप्रैल): दिल्ली शराब घोटाले में तिहाड़ जेल में बंद नेता के. कविता को आज सीबीआई ने राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया। बीते दिन कविता से सीबीआई ने तिहाड़ जेल में जाकर पूछताछ की थी और फिर गिरफतार कर लिया था। सीबीआई ने कोर्ट ने कविता का 5 दिन का रिमांड मांगा है। कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है। 2 बजे कोर्ट कस्टडी पर फैसला सुनाएगी।
कविता के वकील ने कोर्ट में यह दलीलें दी
कविता के वकील चौधरी ने गिरफतारी को अवैध बताया। आज दो पहलू हैं- एक गिरफतार करने की सीबीआई की ताकत और दूसरा उस ताकत का गलत इस्तेमाल। उन्हें कोई समय दिए बिना, कोई नोटिस नहीं दिया गया (पूछताछ के लिए सीबीआई का एप्लिकेशन), कोई एडवांस कॉपी नही दी गई और टीम आकर पूछताछ करने लगी। यह उनके संवैधानिक अधिकार को प्रभावित करता है। कविता से सीबीआई द्वारा पूछताछ करने के लिए इस अदालत के समक्ष क्या याचिका दायर की गई थी? अदालत में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है, जिसके तहत कोई जांच एजेंसी किसी आरोपी से दूसरे मामले में पूछताछ कर सके। यह मानते हुए कि जेल नियम किसी आरोपी की जांच की सुविधा प्रदान करते हैं।
सीबीआई ने कोर्ट में क्या दलीलें रखीं?
सीबीआई ने कोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए दलील दी कि सरकारी गवाह दिनेश अरोड़ा ने भी अपने बयान में पुष्टि की कि एक आरोपी (अभिषेक बोइनपल्ली) ने उन्हें बताया था कि विजय नायर को करोड़ों का भुगतान किया गया था। के. कविता शराब घोटाले की मुखय साजिशकर्ताओं में से एक हैं। वे किंगपिन और मुखय साजिशकर्ता हैं। कविता ने मदद की है। पैसा उपलब्ध कराया है। इसमें और कौन-कौन शामिल हैं? यह जानने के लिए हिरासत चाहिए। शराब नीति से जुड़ी बड़ी साजिश का पर्दाफाश करने के लिए कविता का सबूतों से सामना कराने की जरूरत है।
कोर्ट की परमिशन से की गई गिरफतारी
सीबीआई ने कहा कि हमारी गिरफतारी अवैध नहीं है। हमने परमिशन ली है। हमने 6 अप्रैल को पूछताछ की थी, लेकिन उसी दिन गिरफतार नहीं किया। अगर उसी दिन गिरफतार किया होता तो आर्टिकल 21 राइट टू सब्जेक्ट हो जाता। जो हुआ, कोर्ट की परमिशन से हुआ है। बयान और व्हाट्सएप चैट फ़ाइल में अटैच हैं। कविता के बुच्ची बाबू की चैट से पता चलता है कि वह अपने प्रॉक्सी के माध्यम से इंडो स्पिरिट्स में होल सेल कराते थे। चैट से यह भी पता चला कि कविता ने कंपनी की कंट्रैक्ट लेने के लिए राघव मगुंटा की मदद करने की कोशिश की थी। पूछताछ के दौरान कविता ने अपनी भूमिका के बारे में कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया। इसलिए कुछ सच उगलवाने के लिए रिमांड चाहिए।
कविता ने रेड्डी को नुकसान पहुंचाने की धमकी दी
सीबीआई ने दलील दी कि कविता के जवाब सीबीआई द्वारा बरामद दस्तावेजों से अलग हैं। वह उन तथ्यों को छिपा रही हैं, जो विशेष रूप से उनकी जानकारी में हैं। इससे पहले भी वह नोटिस के बावजूद जांच में शामिल नहीं हुईं। कविता से इस मामले में पहले पूछताछ की गई थी, लेकिन जांच में सामने आए सबूतों और बयानों की भूमिका से पता चला कि वह एक्साइज पॉलिसी नीति में प्रमुख साजिशकर्ताओं में से एक हैं। वह अनुचित आधार का हवाला देते हुए जांच में शामिल नहीं हुई और इसलिए उससे पूछताछ नहीं की जा सकी। नवंबर-दिसंबर 2021 में कविता ने रेड्डी को पहले तय किए गए हर जोन के हिसाब से 5 करोड़ की दर से 25 करोड़ का भुगतान करने के लिए कहा था। रेड्डी ने अनिच्छा दिखाई तो उसने उसे और उसके बिजनेस को नुकसान पहुंचाने की धमकी दी थी। मार्च और मई 2021 में जब एक्साइज पॉलिसी तैयार की जा रही थी तो अरुण पिल्लई, बुच्ची बाबू और बोइनपल्ली दिल्ली में रह रहे थे और विजय नायर के जरिए लाभ प्राप्त कर रहे थे।
5 दिन का रिमांड दीजिए, सच उगलवाएंगे; सीबीआई बोली- व्हाट्सऐप चैट पुखता सबूत, कविता ही घोटाले की मास्टरमाइंड
Palmira Nanda
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