watch-tv

पनसप के भगोड़े पूर्व डीएम ने कोर्ट में किया सरेंडर, गिरफ्तार, पूर्व मंत्री आशु के प्रभाव का उपयोग कर किया घोटाला

👇खबर सुनने के लिए प्ले बटन दबाएं

Listen to this article

फूड सप्लाई विभाग को 2 हजार करोड़ी घोटाले में विजिलेंस का एक्शन

लुधियाना 23 सितंबर। फूड सप्लाई विभाग में हुए दो हजार करोड़ के घोटाले में पूर्व मंत्री भारत भूषण आशु के सहि आरोपी भगौड़े पनसप के पूर्व जिला मैनेजर ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया। जिसके बाद विजिलेंस की टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया है। विजिलेंस अनुसार आरोपी द्वारा भारत भूषण आशु के मंत्री रहते हुए उनके मंत्री पद के प्रभाव का इस्तेमाल कर घोटाला किया है। आरोपी की पहचान जगनदीप सिंह ढिल्लों के रुप में हुई है। विजिलेंस अधिकारी अनुसार जगनदीप सिंह ढिल्लों खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग में धान की ढुलाई से संबंधित टेंडरों के घोटाले में वांछित था। इसी मामले में पूर्व मंत्री आशु, पंकज मल्होत्रा मीनू, इंद्रजीत इंदी समेत कई लोगों पर विजिलेंस ने मामला दर्ज किया था। जिसके बाद से आरोपी फरार था।

सुप्रीम कोर्ट ने जमानत की थी रद्द

अधिकारी अनुसार जगनदीप ढिल्लों ने पहले 18 सितंबर 2023 को हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत हासिल की थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने 16 जुलाई 2024 को उसकी जमानत के आदेश रद्द कर दिए थे। तब से ढिल्लों ड्यूटी से अनुपस्थित चल रहा था, जिसके कारण विभाग ने उसे नौकरी से निलंबित कर दिया था। इसके बाद विजिलेंस द्वारा उसकी गिरफ्तारी के लिए रेड की जा रही थी।

रिश्वत लेकर दिए थे टेंडर
अधिकारी ने खुलासा किया कि जगनदीप सिंह ढिल्लों वर्ष 2020-21 की अवधि के दौरान जिला टेंडर समिति के सदस्य के रूप में घोटाले में शामिल कुछ ठेकेदारों के टेंडरों को अस्वीकृत करने में विफल रहा। उसने कथित रूप से इन ठेकेदारों के साथ मिलकर रिश्वत के बदले उन्हें टेंडर आवंटित करवाए। इसके अलावा, ढिल्लों ने संबंधित प्रक्रियाओं का उल्लंघन करते हुए कमीशन एजेंट (आढ़तियों) कृष्ण लाल और अनिल जैन की दुकानों से अनाज को उनके रिश्तेदारों के शैलरों में स्थानांतरित कर राज्य कस्टम मिलिंग नीति की धारा 12(जे) का उल्लंघन किया।

पूर्व मंत्री के प्रभाव में दूसरी जगह भेजा धान
उन्होंने बताया कि यह भी सामने आया कि आरोपी कृष्ण लाल ने धान की ढुलाई के लिए दूसरे राज्यों से 2 हजार से अधिक जूट के बोरे प्राप्त किए। उन्होंने बताया कि अपनी साजिश को अंजाम देने के लिए ढिल्लों ने पनग्रेन के तत्कालीन जिला मैनेजर सह-अभियुक्त सुरिंदर बेरी के साथ मिलकर पूर्व मंत्री भारत भूषण आशु के प्रभाव का उपयोग करते हुए लुधियाना जिले के गांव ललतों और धांदरा की अनाज मंडियों से संबंधित धान को किला रायपुर सेंटर की बजाय लुधियाना सेंटर की मंडियों में भेज दिया। जिक्र योग्य है कि यह हेराफेरी चावल मिलर्स से बड़ी रिश्वत लेने के इरादे से की गई थी।

प्रति बोरी 3 से 10 रुपए ली रिश्वत
जांच के दौरान यह पाया गया कि ढिल्लों ने मनमाने तरीके से आवंटन के बदले चावल मिलर्स से 3 रुपये से 10 रुपये प्रति बोरी रिश्वत ली। इसके अलावा, उसने गेट पास की रजिस्ट्रेशन में हुई गड़बड़ियों को भी नजरअंदाज किया, जिसमें ट्रक के नंबरों की बजाय स्कूटर और मोटरसाइकिल के नंबर दर्ज थे। इस तरह उसने ठेकेदारों की मिलीभगत से गोदामों में रखे गए धान के स्टॉक में हेराफेरी की इस कार्रवाई को अंजाम दिया।

Leave a Comment