नगर निगम की अकाउंट्स ब्रांच का नया कारनामा आया सामने
लुधियाना 31 जुलाई। नगर निगम लुधियाना आए दिन अपने कार्यों को लेकर चर्चा का विषय बना रहता है। नगर निगम की अकाउंट्स ब्रांच को लेकर लगातार खुलासे हो रहे हैं। वहीं अब इस ब्रांच का एक और बड़ा कारनामा सामने आया है। जानकारी के अनुसार नगर निगम के मुलाजिमों का साल 2022-2023 के दौरान पीएफ ईपीएफओ ऑफिस में जमा ही नहीं कराया गया। जबकि यह पीएफ करीब सात करोड़ रुपए है। हैरानी की बात तो यर है कि यह पीएफ जमा न करवाने के कारण ईपीएफओ डिपार्टमेंट की और से उसी रकम पर सात करोड़ रुपए ब्याज भी लगा दिया है। यानि कि नगर निगम को अब ब्याज समेत 14 करोड़ रुपए जमा कराने होंगे। वहीं यह लापरवाही डीसीएफए (डिस्ट्रिक्ट फाइनेंस एंड अकाउंट्स ऑफिसर) पंकज गर्ग की अध्यक्षता में की गई है। अकाउंट्स ब्रांच के मुखी होने के बावजूद उनकी और से लगातार लापरवाही करके सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। हालाकि यह सारा पैसा जनता का है, जिसे ब्याज के रुप में अब अदा किया जाएगा। चर्चा यह भी है कि अधिकारियों द्वारा आपसी सेटिंग करके पैसा इधर उधर किया जा रहा है।
पहले भी एक करोड़ नहीं कराया जमा
जानकारी के अनुसार डीसीएफए पंकज गर्ग की और से करीब एक करोड़ रुपए पीएफ जमा ही नहीं कराया था। यह पीएफ साल 2020 से 2022 के बीच का है। दरअसल, पीएफ सालाना करीब 15 करोड़ रुपए बनता है। इस दौरान 2020 से 2022 तक जमा करवाए पीएफ की जांच हुई। जिसमें पता चला कि एक करोड़ का पीएफ तो जमा ही नहीं कराया गया। जिसकी अभी जांच बाकी है।
जीएसटी क्लेक्शन के 81 करोड़ भी बांटे
जानकारी के अनुसार नगर निगम द्वारा जो जीएसटी अदा किया जाता है। उसमें से मौजूदा अकाउंट्स ब्रांच को कुछ समय पहले ही जीएसटी क्लेक्शन का 81 करोड़ रुपए फंड आया था। लेकिन फिर भी अधिकारियों ने मुलाजिमों का पीएफ देना जरुरी नहीं समझा। जबकि उक्त फंड में से डीसीएफए पंकज गर्ग द्वारा करीब 78 करोड़ रुपए ठेकेदारों व सैलरी में लगा डाले। जबकि ईपीएफओ द्वारा अब 14 करोड़ रुपए बकाए पर ब्याज लगाना शुरु कर दिया गया है। अकाउंट्स अधिकारी को पीएफ की पेमेंट देने की जगह शायद ब्याज देना ज्यादा सही लग रहा है। इसी कारण सरकारी खजाना लगातार घाटे में जा रहा है।
मुख्य किंगपिन है कोई और
अकाउंट्स ब्रांच में लगातार कई घोटाले हुए हैं। अभी एक घोटाला सामने आया है। जबकि इसके अलावा और भी कई घोटाले सामने आ सकते हैं। यह भी चर्चा है कि डीसीएफए पंकज गर्ग सिर्फ एक प्यादा है, जबकि इन घोटालों का असली किंगपिन कोई और है। जल्द उसका नाम भी सामने आने की चर्चाएं हैं।