नई दिल्ली, यूटर्न/ 01 जून।
सार्वजनिक स्थानों से लेकर फुटपाथ पर हुए अतिक्रमण को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने टिप्पणी की है कि फुटपाथों व सड़कोें पर होर्डिंग, स्टाल, टेबल और कुर्सियों से किया गया अतिक्रमण इतना व्यापक हो गया है कि जनता को सड़कों पर चलने के लिए मजबूर होना पड़ता है।
अदालत ने इसके साथ ही दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) और दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) को अतिक्रमण करने वालों पर जुमार्ना लगाने के संबंध में नियम व दिशा-निर्देश तैयार करने को कहा है।
अवैध अतिक्रमण के संबंध में एजेंसी जवाबदेह
न्यायमूर्ति रजनीश भटनागर की पीठ ने कहा कि अतिक्रमण के मामले में अतिक्रमणकर्ता को उसके द्वारा किए गए अवैध अतिक्रमण के संबंध में एजेंसियों द्वारा जवाबदेह बनाया जाएगा। इसके साथ ही अदालत ने इस आदेश की एक प्रति अनुपालन के लिए डीडीए अध्यक्ष और एमसीडी आयुक्त को भेजी जानी चाहिए। अदालत ने उक्त आदेश याचिकाकर्ता कमलेश जैन की याचिका पर दिया।
याचिकाकर्ता ने दिल्ली पुलिस को बुक्स एंड बीन्स भोजनालय को तेज संगीत बजाने से रोकने के लिए निर्देश देने की मांग की गई थी। याचिका में आरोप लगाया गया है कि भोजनालय सुबह से आधी रात तक तेज संगीत बजाता है और इससे लोगों को समस्या होती है। याचिका में दावा किया गया कि भोजनालय ने सार्वजनिक भूमि पर भी अतिक्रमण किया था।
मालिक द्वारा अतिक्रमण की गई भूमि डीडीए की
यह भी कहा कि भोजनालय के मालिक द्वारा अतिक्रमण की गई भूमि डीडीए की थी। बिना किसी अधिकार के भोजनालय स्वामी इस भूमि का उपयोग कर रहा है। सुनवाई के दौरान अदालत ने डीडीए और एमसीडी के वकील से पूछा कि मौजूदा बाजार मूल्य पर अतिक्रमित भूमि या क्षेत्र के उपयोग के लिए वसूली का कोई प्रविधान है या नहीं।
फुटपाथ पर अतिक्रमण के कारण सड़क पर चलने को मजबूर आम आदमीह्ण, दिल्ली हाईकोर्ट की सख्त टिप्पणी
Palmira Nanda
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