भाखड़ा नहर विवाद: BBMB पंजाब सरकार से करेगा बातचीत, सिंचाई मंत्री बोले – हम किसी का हक छीन नहीं रहे

👇खबर सुनने के लिए प्ले बटन दबाएं

Listen to this article

चंडीगढ़ 4 मई। भाखड़ा नहर से पानी के मुद्दे पर पंजाब-हरियाणा सरकार में एक सप्ताह से जंग जारी है। केंद्र सरकार के प्रयास के बाद भी अभी तक सहमति नहीं बन पाई है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर शनिवार शाम को बीबीएमबी द्वारा चंडीगढ़ में आयोजित मीटिंग में पंजाब ने बायकॉट कर दिया। इसके बावजूद हरियाणा, हिमाचल और राजस्थान के अधिकारियों में एक घंटे तक मीटिंग हुई। सूत्रों के मुताबिक बैठक में तय हुआ है कि भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (बीबीएमबी) के चेयरमैन मनोज त्रिपाठी इस मामले में पंजाब सरकार से समन्वय करेंगे। डैम से पानी छोड़ने और सुरक्षा हटाने पर बात की जाएगी। वहीं, पंजाब के सिंचाई मंत्री बरिंदर कुमार गोयल का कहना है कि हम किसी का हक नहीं छीन रहे हैं, बल्कि हिफाजत कर रहे हैं।

भाखड़ा डैम ने जितना पानी नहीं जख्म दिए हैं

गोयल ने कहा कि भाखड़ा डैम 1963 में बना था, उस समय पंजाब के 370 गांव उजड़ गए। 27,000 एकड़ जमीन डैम में है। लाखों लोग घर से बेघर हो गए, जिन्हें आज तक भी उचित मुआवजा नहीं मिला। इस डैम ने हमें सिर्फ जख्म दिए हैं। इस डैम में उतना पानी नहीं दिया गया। 65 प्रतिशत पानी तो डैम से दूसरे राज्यों ले जाते हैं। हमें तो 35 प्रतिशत मिलता है। हम किसी का हक नहीं छीन रहे हैं।

हितों की रक्षा कर रहे हैं, यह आग बबूला

गोयल ने कहा कि हम अपने हितों की रक्षा कर रहे हैं, जिस पर यह आग बबूला हो रहे हैं। कभी हिमाचल सीएम सुक्खू ने कुछ कह दिया, कभी किसी ने कुछ कह दिया। दूसरे राज्य हमसे धक्का कर रहे हैं। हरियाणा का हिस्सा 2.987 एमएफए बनता था, वह अपने हिस्से से ज्यादा 3.019 एमएफए प्रयोग कर चुका है। जबकि उसे 21 मई तक यह पानी प्रयोग करना था। हम योजना से चलने वाले लोग हैं।

Leave a Comment