गुस्ताख़ी माफ़
गुस्ताख़ी माफ़ 8.9.2024 ऊपर-ऊपर चल रही, गठबंधन की बात। नीचे-नीचे चल रहे, जमकर मुक्का-लात। जमकर मुक्का-लात, न फूटी आंख सुहाते। पंजा-झाड़ू फिरें, खामखा ही टकराते। कह साहिल कविराय, रिलेशन सूपर-डूपर। नीचे जूते चलें, आशिक़ी ऊपर-ऊपर। प्रस्तुति — डॉ. राजेन्द्र साहिल